New Delhi : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक नया परिपत्र (संख्या Acad-45/2025) जारी करते हुए देशभर के अपने संबद्ध स्कूलों को ‘ऑयल बोर्ड’ स्थापित करने और छात्रों के बीच स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं. यह पहल पूर्व में जारी ‘शुगर बोर्ड’ परिपत्र (Acad-26/2025) की अगली कड़ी है.
सीबीएसई का यह कदम भारत में बढ़ते मोटापे और अस्वस्थ जीवनशैली को देखते हुए उठाया गया है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) और The Lancet GBD 2021 अध्ययन के अनुसार, भारत के शहरी क्षेत्रों में हर पांच में से एक वयस्क अधिक वजन या मोटापे का शिकार है. यदि यही रुझान जारी रहा, तो 2050 तक यह संख्या बढ़कर 44.9 करोड़ तक पहुंच सकती है.
मुख्य पहल जो स्कूलों में लागू की जाएंगी
• ऑयल बोर्ड डिस्प्ले: स्कूलों की कैंटीन, लॉबी, मीटिंग रूम जैसे सार्वजनिक स्थानों पर डिजिटल या स्थिर (स्टैटिक) पोस्टर के रूप में जानकारी प्रदर्शित की जाएगी. इसका उद्देश्य हानिकारक खाद्य पदार्थों के सेवन को लेकर छात्रों और स्टाफ को जागरूक करना है.
• स्वास्थ्य संबंधी संदेशों का प्रचार: स्कूलों के आधिकारिक दस्तावेजों जैसे लेटरहेड, नोटपैड, फोल्डर आदि पर स्वास्थ्य जागरूकता से जुड़े संदेश अनिवार्य रूप से प्रकाशित किए जाएंगे.
• स्वस्थ भोजन और शारीरिक गतिविधियां : स्कूल कैंटीन में पौष्टिक खाद्य विकल्प, जैसे - फल, सब्जियां और कम वसा वाले उत्पाद को बढ़ावा दिया जाएगा, जबकि मीठे और अधिक तैलीय स्नैक्स की उपलब्धता सीमित की जाएगी.
इसके अतिरिक्त, सीढ़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना, लघु व्यायाम सत्र और वॉकिंग रूट्स जैसे अभियान भी चलाए जाएंगे.
सीबीएसई ने सभी स्कूलों को ‘ऑयल बोर्ड’ का प्रोटोटाइप डिजाइन भी प्रदान किया है, जिसे वे अपनी सुविधानुसार अनुकूलित कर सकते हैं. छात्रों को भी इस अभियान में भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा और वे स्वयं ऐसे बोर्ड तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किए जाएंगे.