Ranchi: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के सभागार में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, नई दिल्ली के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी सुनील कुमार बरनवाल ने झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के अंतर्गत संचालित आयुष्मान भारत - मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की समीक्षा की.
बैठक में झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी की कार्यकारी निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा, अपर सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज, प्रवीण चंद्र मिश्रा, जीएम JSAS और अन्य अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में डॉ अरोड़ा ने पीपीटी के माध्यम से योजना की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की.
उन्होंने बताया कि योजना के पहले चरण में सरकारी अस्पतालों में केवल 10 प्रतिशत केस दर्ज हुए थे, लेकिन पिछले वर्ष यह भागीदारी बढ़कर 50 प्रतिशत तक पहुंच गई.
सीईओ सुनील बरनवाल ने राज्य में 15 नवंबर 2025 तक ई-केवाईसी को राष्ट्रीय औसत के स्तर तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया. उन्होंने कहा कि कम से कम 70 प्रतिशत लाभार्थियों का ई-केवाईसी पूरा होना चाहिए. इसके लिए व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया गया.
उन्होंने सार्वजनिक अस्पतालों की क्षमताओं को सुदृढ़ करने के लिए क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित करने और रांची सदर अस्पताल की तर्ज पर अन्य अस्पतालों में भी ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली लागू करने के निर्देश दिए.
साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध होने के बावजूद आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत बुकिंग की संख्या कम है, इस पर सुधार की जरूरत है.
बैठक में फ्रॉड मामलों के संपन्न ऑडिट की पुनः जांच करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया. इसके अलावा राज्य के सभी छह मेडिकल कॉलेजों और अन्य सार्वजनिक अस्पतालों में बड़े पैकेजों को सक्रिय करने की कार्रवाई शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया गया.
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की प्रगति की जानकारी देते हुए कार्यकारी निदेशक ने बताया कि चिकित्सकीय संस्थानों और चिकित्सकों का डाटा एंट्री किया जा रहा है और मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड भी संग्रहित किया जा रहा है.
यह समीक्षा बैठक झारखंड में आयुष्मान भारत योजना की पारदर्शिता और लाभुकों तक प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई.
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