Chaibasa (Sukesh kumar) : टाटा कॉलेज व जेएलएन कॉलेज चक्रधरपुर में
यूजी सेमेस्टर वन के कई विषयों में नामांकन बंद हो चुके
हैं. इस कारण विद्यार्थी दर-दर भटक रहे
हैं. कोल्हान विश्वविद्यालय में
यूजी सेमेस्टर वन का नामांकन जारी है, लेकिन कॉलेज में सीट खत्म हो जाने से विद्यार्थी परेशान
हैं. अब यहां से वहां विद्यार्थी भटक रहे
हैं. अंतिम सूची में नाम होने के बावजूद भी कई विद्यार्थियों का नामांकन कॉलेज में नहीं हो रहा
है. टाटा कॉलेज के पॉलिटिकल साइंस, इतिहास, भूगोल और हिन्दी विषय में सबसे अधिक सीटें
हैं. लेकिन सीटें भर गई
हैं. इस कारण कई विद्यार्थी नामांकन से वंचित हो गए
हैं. इधर, नक्सल प्रभावित क्षेत्र से विद्यार्थी नामांकन कराने कॉलेज पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें वापस जाना
पड़ रहा
है. इसके कारण स्थिति खराब हो गई
है. विद्यार्थियों का नामांकन नहीं होने से विद्यार्थियों में काफी नाराजगी
है. चक्रधरपुर के जवाहरलाल नेहरू कॉलेज में हिन्दी, इतिहास विषय में नामांकन पूरी तरह से बंद हो गया
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: दो वर्ष से सोलर जलमीनार खराब, ग्रामीण परेशान थर्ड मेरिट लिस्ट का हो रहा नामांकन, कॉलेज निकाले विकल्प
कोल्हान विश्वविद्यालय के
यूजी सेमेस्टर वन में थर्ड मेरिट लिस्ट में जारी विद्यार्थियों का नामांकन हो रहा है, लेकिन कॉलेज में सीट भर जाने की वजह से कुछ विषय में नामांकन रोक दी गई
है. पश्चिमी सिंहभूम के झारखंड छात्र मोर्चा के अध्यक्ष सनातन
पिंगुवा ने कहा कि लगातार विद्यार्थियों की स्थिति खराब हो रही
है. कॉलेज में सीट नहीं बढ़ने की वजह से यहां के विद्यार्थी भटक रहे
हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र से विद्यार्थियों का नामांकन प्रत्येक साल होता है, लेकिन इस बार संख्या अधिक होने की वजह से वे नामांकन से वंचित रह गए
हैं. कॉलेज प्रशासन इसका विकल्प
निकाले. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन इसमें सुधार करना
है. सरकार को भी इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत
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: घर के बाहर से स्कॉर्पियो उड़ा ले गये चोर, वारदात CCTV में कैद केयू में प्रतिवर्ष विद्यार्थियों की बढ़ रही है संख्या
कोल्हान विश्वविद्यालय में प्रत्येक साल विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन सीटें नहीं बढ़ रही
हैं. इससे विद्यार्थियों को मजबूरन अन्य क्षेत्र में जाकर नामांकन लेना
पड़ रहा
है. कोल्हान विश्वविद्यालय में अधिकतर
पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी अध्ययन करते
हैं. इसके कारण इन विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति सही नहीं होती
है. बाहर जाकर नामांकन लेने से विद्यार्थियों की आर्थिक स्थिति
बिगड़ रही
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