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चाईबासा : नो-एंट्री लागू करवाने के आंदोलन पर पुलिसिया कार्रवाई की झारखंड जनाधिकार महासभा ने की निंदा

Ranchi: झारखंड जनाधिकार महासभा ने पश्चिमी सिंहभूम जिला के चाईबासा में नो-एंट्री की मांग को लेकर चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन पर हुई पुलिसिया कार्रवाई को निंदनीय बताया है. महासभा ने आरोप लगाया कि सोमवार 27 अक्टूबर की रात ताम्बो चौक पर प्रदर्शन कर रहे आदिवासी-मूलवासियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे कई लोग घायल हो गए.


महासभा का कहना है कि प्रदर्शनकारी चाईबासा और आसपास के क्षेत्रों में बड़े वाहनों की दिन के समय आवाजाही पर रोक (नो-एंट्री) लगाने की मांग कर रहे थे. स्थानीय लोगों का आरोप है कि लौह अयस्क से भरे भारी ट्रक और डंपर NH-220 और NH-75 पर दिन-रात बेरोकटोक चलते हैं, जिससे लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं.


जनाधिकार महासभा ने कहा कि पिछले एक वर्ष से स्थानीय विधायक और वर्तमान परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा के कार्यकाल में नो-एंट्री व्यवस्था समाप्त कर दी गई, जिसके बाद हादसों में कई लोगों की मौत हुई.
महासभा के अनुसार, आंदोलन से पहले चार प्रमुख युवा नेतृत्वकर्ताओं माधव चंद्र कुंकल, रेयांस सामड, रमेश बालमुचू और सोना सवाइयां को 25 अक्टूबर को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इसके बावजूद 27 अक्टूबर को बड़ी संख्या में आदिवासी-मूलवासी ताम्बो चौक पर शांतिपूर्ण धरने पर बैठे.

 

रात में पुलिस ने अचानक धरना स्थल पर लाठीचार्ज किया और कई लोगों को हिरासत में ले लिया. स्थानीय यूट्यूबरों को भी गिरफ्तार किया गया और लोगों के मोबाइल से वीडियो डिलीट करवाए गए.
महासभा ने इस कार्रवाई को जनविरोधी और दमनकारी बताते हुए कहा कि सरकार आदिवासी-मूलवासियों के पक्ष में न होकर खनन व परिवहन कंपनियों के साथ खड़ी है.

 

महासभा की प्रमुख मांगें


1.    पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए जो हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं.
2.    गिरफ्तार किए गए चारों युवाओं व अन्य प्रदर्शनकारियों को तत्काल रिहा किया जाए.
3.    शहर में दिन के समय बड़े वाहनों के प्रवेश पर नो-एंट्री तत्काल लागू की जाए और स्थायी समाधान के लिए स्थानीय लोगों के साथ वार्ता की जाए.

महासभा की ओर से जारी इस प्रेस विज्ञप्ति पर अजय एक्का, अलोका कुजूर, अमन मरांडी, अफजल अनीस, ज्यां द्रेज, संतोषी लकड़ा, सिराज दत्ता, रेशमी देवी, रिया तुलिका पिंगुआ सहित दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर किए हैं.

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