- यात्रियों को हुई परेशानी, बंदी में अधिकतर दुकानें नहीं खुलीं
Chaibasa (Sukesh Kumar) : अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए सुझाव के विरोध में बुधवार को भारत बंद का असर चाईबासा में देखने को मिला. अधिकतर दुकानें बंद रहीं, कुछ दुकानें बाद में खोली गईं. बंद कराने वाले संगठन ने सरकारी कार्यालयों को भी बंद करने का आह्वान किया था. लेकिन सरकारी कार्यालय पूरी तरह खुले रहे. सामान्य दिनों की तरह कामकाज चला. कुछ स्कूल बंद रहे, लेकिन अधिकतर स्कूल खुले थे. लंबी दूरी की बस नहीं चलीं. इसके कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. बंद समर्थकों ने सड़क पर उतरकर नारेबाजी करते रहे. पश्चिम सिंहभूम जिला छात्र मोर्चा अध्यक्ष सनातन पिंगुवा ने कहा कि आज पूरे भारत में आदिवासी संगठनों के द्वारा भारत बंद का समर्थन करते हैं.
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पिंगुवा ने कहा कि एससी/एसटी समुदाय के लोगों को आज तक आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं, निजी संस्थानों में उन्हें आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती है और वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश में लगभग 12 करोड़ आदिवासी निवास करते हैं. इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा, यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस तरह का फैसला को अविलंब आपस ले या फिर से उसपर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. इस तरह क् फैसले से आदिवासी समुदायों का अस्तित्व जल, जंगल, जमीन और संविधान में दिए गए अधिकारों को खत्म करने का बहुत बड़ा षड्यंत्र है. इसलिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा लाई गई कानून पर कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहा है. इस तरह का कानून भारत की जनता लिए बुरा साबित होगा.
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बंद से यह हुआ असर
चाईबासा के बस स्टैंड से रांची, भुवनेश्वर, पटना, हजारीबाग समेत ओडिशा के कई शहरों के लिए बसें खुलती हैं, लेकिन भारत बंद को देखते हुए सुबह से ही बस का परिचालन पूरी तरह से ठप रहा. उधर, चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन से राउरकेला तक जाने वाले सुबह पैसेंजर ट्रेन को भी रद्द कर दिया गया. सिर्फ एक्सप्रेस ट्रेन का ही परिचालन देखने को मिला. लंबी दूरी की बसों के आलावा अन्य छोटे वाहनों का परिचालन पूरी तरह से बंद रहा. इसके कारण लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. शहर में कारोबार भी ठप रहा. बड़ी-बड़ी दुकानें बंद थीं. हालांकि देर शाम तक अधिकतर दुकानों को खोल दिया गया.
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चौक चौराहों से लेकर सड़कों पर पुलिस प्रशासन कर रहा पहरा
पश्चिमी सिंहभूम जिला पुलिस प्रशासन की ओर से भारत बंदी को देखते हुए चौक चौराहों पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया था. जगह-जगह पर दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई थी. इसके साथ ही पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया था कि किसी भी तरह का उपद्रव ना हो. इस पर पूरी तरह से नजर बनाए रखें, ताकि सरकारी संपत्ति का नुकसान ना हो. इसके अलावा उपायुक्त ने दंडाधिकारी को भी निर्देश दिया कि वैसे लोगों को चिन्हित करें जो सरकारी संपत्ति को नुकसान करने की फिराक में रहते हैं. शांतिपूर्ण तरीके से बंदी हो इसका समर्थन किया जाए, उपद्रव फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
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