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चाईबासा : डीबर देवगम की जमीन सीमांकन का आदेश स्थगित, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

Chaibasa (Sukesh kumar) : मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के टुंगरी में स्थित मतकमहातु निवासी डीबर देवगम की पुश्तैनी जमीन जो नेवटिया माइंस एंड इंडस्ट्रीज के अवैध कब्जे में है, उसका सीमांकन शनिवार को सदर अंचल कार्यालय की ओर से होना था. लेकिन अंतिम समय में सीमांकन का यह आदेश अगले आदेश तक के लिये स्थगित कर दिया गया. इससे वहां जुटे ग्रामीण नाराज हो गये और कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां के नेतृत्व में पारंपरिक सरना झंडा डीबर देवगम की जमीन पर गाड़कर पारंपरिक दखल की घोषणा की. साथ ही इष्टदेव देशाऊली के समर्थन में नारे लगाये. इस दौरान मुफ्फसिल थाना की पुलिस भी मौजूद थी. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-jhinkapani-chc-in-charge-scuffles-with-zip-member-in-health-fair-tries-to-snatch-mobile/">चाईबासा

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क्या है पूरा मामला

डीबर देवगम ने बताया कि आज जिस जमीन का सीमांकन होना था उस जमीन के आधे हिस्से पर नेवटिया माइंस एंड इंडस्ट्रीज का अवैध कब्जा है. यह जमीन इंडस्ट्रीज की चहारदीवारी के अंदर है. जबकि बाकी जमीन चहारदीवारी के बाहर है. इसी विवाद को सुलझाने के लिए उपायुक्त तथा सदर अंचलाधिकारी को सीमांकन का आवेदन दिया था. फिर अंचलाधिकारी ने 16 सितंबर को सीमांकन करने का आदेश जारी किया. इसलिए ग्रामीण सीमांकन स्थल पर आ गये थे. लेकिन अंचल कार्यालय की ओर से कोई नहीं आया. बाद में कब्जेदार बनवारी लाल नेवटिया की ओर से उनके व्यक्ति ने बताया कि सीमांकन आदेश स्थगित हो गया है. जबकि नियमानुसार तो यह जानकारी जमीन मालिक को भी दी जानी चाहिये थी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इस जमीन का सीमांकन वाद संख्या-154/2023-2024, खाता संख्या-54, प्लॉट संख्या-1116 तथा रकवा-1.44 एकड़ है. इसी जमीन पर बनवारी लाल नेवटिया की नेवटिया माइंस एंड इंडस्ट्रीज स्थापित है, जो कुछ वर्ष पहले ही बंद हो गई थी. डीबर देवगम ने बताया कि बनवारी लाल नेवटिया ने करीब पैंतीस साल पहले उनके पिता मोरन सिंह देवगम से फैक्ट्री लगाने के लिये दस वर्षों के लिये लीज पर जमीन ली थी. लेकिन अब लीज अवधि खत्म होने और फैक्ट्री के बंद होने के बाद भी उन्होंने जमीन नहीं लौटायी. उल्टे इस जमीन को खरीद लेने का दावा कर रहा है. जबकि सीएनटी एक्ट कहता है कि आदिवासी (एसटी) जमीन को गैर आदिवासी खरीद ही नहीं सकता है. लेकिन बनवारी लाल नेवटिया ने फर्जीवाड़ा करके जमीन हथिया ली. इसे भी पढ़ें : चक्रधरपुर">https://lagatar.in/chakradharpur-enthusiasm-shown-among-voters-in-anjuman-islamia-elections/">चक्रधरपुर

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अंचलाधिकारी ने कहा, नेवटिया के दखल में है ये जमीन

सदर अंचलाधिकारी ने 15 सितंबर को मापी आदेश स्थगित करने का आदेश जारी किया है. अपने लिखित आदेश में अंचलाधिकारी ने कहा है कि यह जमीन बनवारी लाल नेवटिया के दखल में है. इसलिए उन्होंने इस मापी पर आपत्ति जतायी है. श्री नेवटिया द्वारा आपत्ति पत्र में उल्लेख किया गया है कि अपर उपायुक्त के न्यायालय की धारा-49 (6) ए के अधिनियम 1908 अंतर्गत मिस केस संख्या 26/87-88 के आलोक में 25/11/1988 को अनुमति प्राप्त कर खातियानी रैयत के बेटे सुरेन हो तथा कार्तिक हो से क्रय किया गया है. इसका विक्रय दलील संख्या-402/09-02-1989 है. यह जमाबंदी में भी दर्ज है. अंचलाधिकारी ने कहा है कि इस मामले में भुक्तभोगी को एसएआर कोर्ट जाने का निर्देश दिया गया है. इसे भी पढ़ें : नोवामुंडी">https://lagatar.in/noamundi-jmm-held-review-meeting-in-the-auditorium-of-tribal-association/">नोवामुंडी

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सीएनटी एक्ट की धारा-49 में फर्जीवाड़ा करके खरीदी गयी जमी

ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने कहा कि बनवारी लाल नेवटिया ने पहले जमीन लीज पर ली. फिर कब्जा जमाया. अब उसने सीएनटी एक्ट की धारा-49 (6) ए के तहत इस जमीन को खरीद लेने का दावा किया है. जबकि ये दावा गलत और फर्जी है. क्योंकि इस धारा में सिर्फ पांच तक ही उपधाराएं हैं, छठी उपधारा तो है ही नहीं. फर्जीवाड़ा यहीं पर हुआ है. वैसे भी सीएनटी एक्ट स्पष्ट कहता है कि यहां आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी खरीद ही नहीं सकता है. ऐसे में समझ सकते हैं नेवटिया ने कैसे फर्जीवाड़ा किया है. जमीन हथियाने के लिए. उन्होंने कहा कि जमीन की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. चाहे इसके लिये जान ही क्यों देनी पड़े. इसे भी पढ़ें : चांडिल">https://lagatar.in/chandil-overall-development-of-kukdu-block-area-should-be-done-under-aspirational-program/">चांडिल

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ये थे मौजूद

कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां, मानकी मुंडा संघ के अध्यक्ष गणेश पाट पिंगुवा, हो समाज युवा महासभा के नेता गब्बर सिंह हेंब्रम, मतकमहातु के ग्राम मुंडा धनुर्जय देवगम, हो समाज महासभा के महासचिव यदूनाथ तियू, नरसंडा मुखिया श्रीराम सुंडी, सेलाय सुंडी, भगवान देवगम, डैनी देवगम, सुरेश सोय, डीबर देवगम, दिऊरी गोपाल देवगम, श्याम देवगम, डोबरो देवगम, सुखलाल सावैयां, पूर्व पंसस सदस्य सविता देवगम, हेलेन देवगम, चाहत देवगम, प्रकाश देवगम, कार्तिक देवगम, जानुम सिंह तुबिड, सदान देवगम, पार्वती देवगम, सुरीन देवगम, संजू गोप, रंजन गोप समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. [wpse_comments_template]

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