Pravin kumar
Chakradharpur : आज जब शहर, गांव और समाज एक वैश्विक महामारी से गुज़र रहा है, ऐसे में हमारे चुने हुये जनप्रतिनिधियों (सांसद और विधायकों) की कोई भूमिका दिखाई नहीं दे रही है. कोरोना जंग की औपचारिक रणनीति में भी जनप्रतिनिधियों की भूमिका साफ नहीं दिख रही है. नतीजतन शासन के ढांचे का एक हिस्सा निष्क्रिय जान पड़ता है. इसके बावजूद चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव अपने क्षेत्र की जनता की सेवा में रात दिन लगे हैं. अपनी जिम्मेवारियों को खुद तय कर लोगों को राहत देने का काम कर रहे है.
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कोरोना से राहत देने के लिए विधायक ने खोला तीन कार्यालय
अमूमन देखा जाता है कि चुनाव के समय क्षेत्र की नेताओं द्वारा कार्यालय खोले जाते है. चुनाव जीतने के बाद विधायक और सांसद का आम जनों से दूरी बढ़ जाता है. लेकिन कोरोना काल में आम लोग और जनप्रतिनिधियों के बीच की दूरी काम करने के लिये विधायक सुखराम उरांव ने तीन कार्यालय खोला. कारोना पीड़ित परिवार के पास खुद पहुंच कर राशन भी मुहैया करा रहे है.
बुनियादी आवश्यकता पहुंचाने के साथ लोगों को भी कर रहे गोलबंद
लगातार न्यूज से बातचीत में जेएमएम विधायक ने कहा कि जनता द्वारा चयनित राजनीतिक प्रतिनिधि होने के कारण संकट के समय उनकी ज़िम्मेदारी और बढ़ जाती है. राज्य के साथ-साथ अपनी क्षेत्र की समस्याएं का समाधान का हर वह प्रयास करना चाहते हैं जिससे आम जनों को राहत मिल सके. राशन और दवा जैसी बुनियादी आवश्यकता के साथ-साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, जमीन पर काम करने वाले लोगों को भी गोलबंद कर कोरोना से जंग के लिय प्रेरित कर रहे है.
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ग्रामीणों की समस्या के निराकरण के लिए मुंडा-मानकी का पद भरा
सुखराम उरांव का कहना है कि उनका विधानसभा का अधिकांश इलाका ग्रामीण परिवेश वाला है. ऐसे में संक्रमण को लेकर जागरूकता लाना जरूरी है. इस जंग में पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था को भी गोलबंद किया गया है. विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मौजों में मुंडा-मानकी का पद रिक्त था. इस दौरान ग्रामीणों की सहमति से उन पदों को भी भरने का काम किया, ताकि गांव की समस्याओं निराकरण में सुविधा मिले.
स्वास्थ्यकर्मियों प्रोत्साहित हो इसलिए स्वंय करते है अस्पतालों का दौरा
चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल और बंदगांव अस्पताल का लगातार दौरा विधायक सुखराम उरांव के द्वारा किया जाता है. संसाधनों के अभाव होने के बाद भी अस्पताल पहुंच कर स्वस्थकर्मियों को प्रोत्साहित करते रहे है. हॉस्पिटल में उपकरण की कमी को भी दूर करने का पहल कोरोना काल में किया है. गरीबों को मुफ्त दवा उपलब्ध कराने के लिए शहर के तीन दुकानों को चिन्हित किया है. इन दुकानों से गरीबों को मुफ्त दवा दिया जाता है. इसके पैसे विधायक खुद वहन करते है. कोरोना काल में विधायक निधि से चार एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं, अपने निजी पैसे से विधानसभा क्षेत्र के सभी चापानलों का भी मरम्मत कराया.
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प्रवासी मजदूरों को आर्थिक सहायता से लेकर गाड़ी की व्यवस्था की
उन्होंने कहा कि चक्रधरपुर विधानसभा में प्रवासी मजदूरों की भी संख्या अधिक है. रोजगार के लिये ग्रामीण दूसरे स्थान पर जाते है. लॉकडाउन में काम बंद होने के वजह से मजदूरों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. जरूरतमंद मजदूरों को विधायक आर्थिक मदद भी कर रहे है. रांची एवं उड़ीसा में काम करने वाले मजदूरों को लाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था भी कराई गई.कोविड-19 से संक्रमित परिवारों तक विधायक खुद राशन सामग्री पहुंचा रहे हैं.
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