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Chakradharpur: गांवों में सागुन सोहराय की धूम, सांसद जोबा माझी ने महिलाओं के साथ की पशुधन की पूजा अर्चना

पोटका संथाल बस्ती में सोहराय पर्व के अवसर पर पशुधन की पूजा अर्चना करतीं सांसद जोबा माझी.

Shambhu Kumar

Chakradharpur:   गांवों में पारंपरिक सागुन सोहराय पर्व की धूम है. बुधवार शाम चक्रधरपुर शहर की पोटका संथाल बस्ती में सोहराय को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किये गये. कार्यक्रम में सिंहभूम की सांसद जोबा माझी शामिल हुईं. इस मौके पर सांसद ने समाज की महिलाओं के साथ की पशुधन की पूजा अर्चना की.

सांसद ने सभी लोगों को दी सोहराय पर्व की शुभकामनाएं

मौके पर सांसद ने पारंपरिक परिधान पहन कर संथाल समाज की महिलाओं के साथ गाय बैल आदि पशुधन की पारंपरिक तरीके से आरती उतार कर पूजा-अर्चना की. मौके पर ग्रामीणों ने ढोल मांदर बजाते हुए पशुओं को नृत्य कराया. सांसद ने सभी लोगों को सोहराय पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सोहराय पर्व संथाल समुदाय के लोगों का प्राचीन पारंपरिक महापर्व है, जिसे लोग काफी हर्ष उल्लास और धूमधाम से मनाते हैं. पर्व के मौके पर हम गाय बैल आदि पशुधन की पूजा अर्चना कर उनके स्वास्थ्य की कामना करते हैं. साथ ही किसानों और अपने परिवार की सुख समृद्धि की भी कामना करते हैं.

मवेशियों के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की जाती है

मालूम हो कि संथाल समाज में सागुन सोहराय मवेशियों (विशेषकर गाय और बैल) का सम्मान करने, प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने और अच्छी फसल की कामना के लिए मनाया जाता है. इसमें गोधन (गाय-भैंस), हल और अन्य खेती-बाड़ी के औजारों की पूजा की जाती है, क्योंकि ये मनुष्य के जीवन और खेती के लिए महत्वपूर्ण हैं. इसके अतिरिक्त, यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते के महत्व को भी दर्शाता है. यह पर्व बैलों, भैंसों और अन्य मवेशियों की मेहनत के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है, जो खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उनके अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की जाती है.

 

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