Muzaffarpur: कोरोना के कहर के बीच बिहार में दूसरी आफत ने दस्तक दे दी है. हर साल की तरह इस साल भी बच्चे इंसेफ्लाइटिस यानि कि चमकी बुखार से बीमार हो रहे हैं. मुजफ्फरपुर में एसकेएमसीएच हॉस्पिटल में चार बीमार बच्चों को एडमिट किया गया है. जिनमें से 3 बच्चों में इस बीमारी की पुष्टी हो गयी है. जबकि एक की रिपोर्ट का इंतजार है. ये चारों रविवार शाम से लेकर सोमवार की शाम तक एडमिट किये गये हैं. सभी को पेडिया ICU में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
जिन बच्चों का इलाज चल रहा है उनमें- वैशाली की सोनाक्षी (3),सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर की रिया (4) और मोतिहारी पताही गांव का पीयूष (3) का है. मोतिहारी के पीयूष राज में डॉक्टर्स को हीट स्ट्रोक के लक्षण मिले हैं. जबकि बाकि तीनों में बच्चों में सोडियम और ग्लूकोज की कमी है. फिलहाल एसकेएमसीएच के पेडिया आईसीयू में इंसेफ्लाइटिस के शिकार 6 बच्चों का इलाज चल रहा है. हालांकि इस साल अब तक दिमागी बुखार के शक में 8 बच्चों को एककेएमसीएच में भर्ती किया गया है. जिनमें 2 में इसकी पुष्टी नहीं हो पायी है.
बच्चों को भूखा ना रहने दें, धूप से बचायें – डॉक्टर
इस बारे में एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बीएस झा ने कहा कि इससे संबंधित रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को दे दी गयी है. वहीं एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि बच्चे धूप के प्रभाव और पोषण की कमी से इसका शिकार हो रहे हैं. उन्होंने अभिवावकों से अपील कर कहा कि बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर पर खिलाते रहे. पानी पीने का खास ख्याल रहें और ध्यान रखें कि बच्चे धूप में ना जायें. उन्होंने कहा कि यदि इन सबके बावजूद बच्चे को उलटी या चमकी बुखार के कोई लक्षण दिखे तो तुरंत अस्पताल लेकर जायें.
दूसरी ओर जिला प्रशासन का दावा है कि इसे लेकर दागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं गांव-गांव में घूमकर एएमएम,आशा कार्यकर्ता और जीवीका दीदीयां गों को जागरूक कर रही हैं. खासकर दलित और पिछड़ी बस्तियों में. कुछ दिन पहले कांटी के रामनाथ धमौली पूर्वी के इलाके में एक बच्चे की मौत हो गयी. घरवाले बच्चे की मौत की वजह चमकी बुखार बता रहे थे, क्योंकि लक्षण भी वैसे ही थे. लेकिन स्वास्थ्य विभाग का अपना ही तर्क था.