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चांडिल : 48 घंटे के अंदर 180 मीटर करें जलस्तर, वर्ना डैम से लगाएंगे छलांग

Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल डैम के विस्थापित गुरुचरण साव ने कहा कि सरकार द्वारा चांडिल डैम के नाम पर अनुमंडल क्षेत्र के 116 गांव के लोगों का सारा कुछ छिन लेने के बाद भी अपने वादे अनुसार संपूर्ण पुनर्वास की सुविधा, नौकरी व मुआवजा राशि का भुगतान अबतक नहीं किया है. बावजूद इसके सरकार और परियोजना प्रशासन डैम में जल भंडारण कर विस्थापितों को बेघर कर रही है. डैम में 183 मीटर जल भंडारण करने से डूब क्षेत्र के 43 गांव जलमग्न हो जाएंगे. इन गांवों में अगर एक भी परिवार को मुआवजा नहीं मिला है तो उसको डुबाने का हक सरकार को किसने दिया है. अपने पुरखों की जमीन-जायदाद, समाज, रिश्ते-नाते सब कुछ गंवाने के बाद विस्थापित अपने ही देश में रिफ्यूजी जैसा जीवन जी रहे हैं, ऐसा क्यों. आखिर विस्थापितों का गुनाह क्या है, आखिर विस्थापित शेल्टर होम में क्यों रहें. जमशेदपुर को पानी मिलने से ज्यादा विस्थापितों का जीवन सस्ता क्यों है. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-chaos-in-womens-college-charge-of-negligence-on-the-principal/">चाईबासा

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180 मीटर रखें जलस्तर

गुरुचरण साव ने कहा कि विस्थापितों को जबरन डुबाकर बेघर किए जाने के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करने के लिए वे चांडिल डैम के ऊपर से डैम में छलांग लगाएंगे. अगर इसमें उनकी जान चली जाती है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. इसके लिए उन्होंने परियोजना प्रशासन को 48 घंटे का समय दिया है. प्रेस बयान जारी करने के साथ ही इससे संबंधित बातों को उन्होंने अपने फेसबुक पर भी डाला है. उन्होंने कहा कि 48 घंटे के अंदर अगर चांडिल डैम का जलस्तर 180 मीटर मेंटेन नहीं किया गया तो वे कभी भी यह कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि जबतक संपूर्ण पुनर्वास नहीं किया जाता है तबतक डैम का जलस्तर 180 मीटर के नीचे रखना होगा. विस्थापित गुरुचरण साव ने कहा कि अब आंदोलन, वादा, आश्वासन, सहानुभूति से नफरत हो गया है. [wpse_comments_template]

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