Ranchi : झारखंड सरकार ने सचिवालय के कार्य स्वरूप में एक बड़ा बदलाव लाने का फैसला किया है. झारखंड सचिवालय कार्यालय प्रक्रिया हस्तक, 2025 को मंजूरी दे दी गई है, जिसमें सचिवालय के पूरे कार्य स्वरूप में बदलाव किया गया है. यह नया हस्तक 1965 में बिहार के समय बने सचिवालय कार्यालय प्रक्रिया हस्तक की जगह लेगा. इसमें अप्रसांगिक हुए नियमों को समाप्त किया जाएगा.
ई-ऑफिस सिस्टम का क्रियान्वयन
नए बदलाव के तहत ई-ऑफिस सिस्टम को शामिल किया गया है, जिसमें सभी फाइलें डिजिटल तरीके से संचालित होंगी. इससे फाइलों का भौतिक रख-रखाव नहीं करना पड़ेगा और निर्णय लेने की गति बढ़ेगी. फाइलें रेड टैपिंग से मुक्त होंगी और विभागों की कार्यकुशलता बढ़ेगी.
कर्मियों और अधिकारियों के लिए कंप्यूटर ज्ञान अनिवार्य
सचिवालय में काम करने वाले कर्मियों और अधिकारियों के लिए कंप्यूटर का ज्ञान अनिवार्य किया गया है. इससे वे ई-ऑफिस सिस्टम का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकेंगे. वहीं, सचिवालय सेवा के कार्यरत पदाधिकारियों के अनुपात में बदलाव किया जाएगा.
वर्तमान में दो सहायक प्रशाखा पदाधिकारी एक प्रशाखा पदाधिकारी के अधीन काम करते हैं, जिसे बढ़ाकर चार सहायक प्रशाखा पदाधिकारी एक प्रशाखा पदाधिकारी के अधीन काम करेंगे.
क्या है फैक्ट फाइल
• नया सचिवालय कार्यालय प्रक्रिया हस्तक: झारखंड सचिवालय कार्यालय प्रक्रिया हस्तक, 2025 को मंजूरी दी गई है, जिसमें सचिवालय के कार्य स्वरूप में बदलाव किया गया है.
• ई-ऑफिस सिस्टम: ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें सभी फाइलें डिजिटल तरीके से संचालित होंगी.
• कंप्यूटर ज्ञान अनिवार्य: सचिवालय में काम करने वाले कर्मियों और अधिकारियों के लिए कंप्यूटर का ज्ञान अनिवार्य किया गया है.
• सचिवालय की संरचना में बदलाव: सचिवालय सेवा के कार्यरत पदाधिकारियों के अनुपात में बदलाव किया जाएगा, जिसमें एक प्रशाखा पदाधिकारी के अधीन चार सहायक प्रशाखा पदाधिकारी काम करेंगे.
• आधुनिकीकरण और तकनीकी बदलाव: नए हस्तक में कंप्यूटराइजेशन के जमाने में आयी तकनीकी बदलावों को शामिल किया गया है.
• अप्रासंगिक नियमों का विलोपन: अप्रासंगिक हो चुके नियमों को विलोपित किया गया है.
• कार्यान्वयन की समय सीमा: जनवरी 2026 तक ई-ऑफिस सिस्टम को पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य है.- सचिवालय सेवा के कार्यरत पदाधिकारियों के अनुपात में बदलाव किया जाएगा.




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