Bokaro : माराफारी थानांतर्गत घोईचा टोला के सामुदायिक भवन प्रांगण में शनिवार को बाल अधिकार सरंक्षण जागरूकता अभियान चलाया गया. जिसका नेतृत्व बाल अधिकार कार्यकर्ता सह मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रभाकर कुमार ने किया.उन्होंने बाल विवाह को कानूनी अपराध बताया. कहा गया कि बाल विवाह होने से इसके दुष्प्रभाव में बच्चे बाल अधिकारों से वंचित हो जाते हैं,शिक्षा बाधित हो जाती है, बचपन छीन जाता है , बच्चे का मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है , जल्दी मां बनना , कुपोषित बच्चे का जन्म , अशिक्षा , छोटी उम्र में परिवार की जिम्मेदारी , महिला हिंसा , बाल दुर्व्यापार , घरेलू श्रम , देखभाल कार्य आदि के रूप में उसका ग्रोथ प्रभावित हो जाता हैं. इसे भी पढ़ें-बिहार">https://lagatar.in/bihar-killed-wife-after-talking-to-mobile-then-stabbed-herself/">बिहार
: मोबाइल से बात करने पर पत्नी को मार डाला, फिर खुद चाकू घोंप लिया डॉ. प्रभाकर कुमार ने जागरूकता के माध्यम से बाल विवाह के दुष्प्रभाव की जानकारी बच्चों संग उनके माता-पिता, अभिभावकों तथा समुदायों तक रखी. उनहोंने कहा कि बाल विवाह बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सरंक्षण पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. बाल विवाह एक वैश्विक मुद्दे के रूप में हमारे समाज मे व्याप्त हो चुका है. बाल विवाह कुप्रथा के समूल निराकरण के लिये समाज में जागरूकता के व्यापक प्रयास की जरूरत हैं. इसे भी पढ़ें-बोकारो:">https://lagatar.in/bokaro-police-exposed-the-robbery-8-criminals-arrested/">बोकारो:
पुलिस ने लूटकांड का किया खुलासा, 8 अपराधी गिरफ्तार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बालकों की न्यूनतम विवाह योग्य आयु 21 वर्ष एवं बालिकाओं की 18 वर्ष निर्धारित की गयी है. बाल विवाह करने वाले , करवाने वाले , मदद करने वाले , जानबूझकर सूचना नहीं देने वालों को यह अधिनियम दंडित करता है.जागरूकता अभियान की शुरूआत मास्क वितरण के साथ शुरू किया गया. बताये गये विषयों से बच्चों से प्रश्न पूछकर उन्हें पुरस्कृत किया गया. चॉकलेट , स्टेशनरी सामग्री देकर उनके उत्साह को बढ़ाया गया. [wpse_comments_template]
बाल विवाह कानूनी अपराध : डॉ. प्रभाकर

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