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चीनी वीजा स्कैम केस, कार्ति चिदंबरम के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत आरोप तय

New Delhi : पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की मुसीबत बढ़ गयी है. खबर है कि दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने चीनी वीजा स्कैम केस में कार्ति चिदंबरम,उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कर रमन सहित अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत आरोप तय कर दिये हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में कार्ति चिदंबरम और अन्य आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था.

 

इस केस  की जांच कर रही सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कार्ति चिदंबरम और भास्कर रमन ने 50 लाख रुपये की रिश्वत ली थी. सीबीआई ने विकास माखरिया को इस मामले में सरकारी गवाह (अप्रूवर) बनाया है. माखरिया ने कथित तौर पर वीजा जारी करने के लिए रिश्वत दिये जाने की बात स्वीकार की है.

 

 

इस केस में अगली  सुनवाई 16 जनवरी 2026 को होगी. कोर्ट के फैसले के बाद कार्ति चिंदबरम ने मीडिया से कहा, कानूनन मेरे पास कई विकल्प है. वे उसका इस्तेमाल करेंगे.


 
मामले की तह में जायें 2011 में जब कार्ति चिदंबरम के पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे. उस समय कार्ति चिदंबरम और उसके साथियों ने नियमों के विरुद्ध जाकर लगभग 263 चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाया था.

 

वीजा के एवज में इन सभी से 50 लाख रुपए वसूले गये थे. चीनी नागरिक पंजाब के वेदाता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड में काम कर रहे थे. 

 

सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसके अनुसार, पंजाब के मानसा स्थित निजी कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने कथित तौर पर चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करवाने के लिए  बिचौलियों के माध्यम से 50 लाख का भुगतान किया.  

 

दरअसल तलवंडी साबो पावर लिमिटेड को 1,980 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाना था. इसे बनाने के लिए एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स किया गया था.

 

आरोप है कि परियोजना में देर होने के कारण कंपनी ने कथित तौर पर गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित वीजा सीमा से अधिक चीनी पेशेवरों को लाने की कोशिश की. 

 

सीबीआई के अनुसार कंपनी के प्रतिनिधियों ने समस्या का हल निकालने के लिए चेन्नई स्थित एक व्यक्ति से संपर्क किया.

 

आरोप है कि चीनी अधिकारियों को पूर्व में दिये गये 263 प्रोजेक्ट वीजा का पुन: उपयोग करने की योजना बनाई गयी, जिससे गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित सीमा से  प्रभावी ढंग से  निबटा जा सके. 

 

जानकारी के अनुसार योजना को आगे बढ़ाते हुए  वीजा के पुनर्उपयोग को लेकर गृह मंत्रालय के समक्ष रिक्वेस्ट लेटर प्रस्तुत किया गया. एक माह के अंदर ही इसकी मंजूरी मिल गयी. 

 

सीबीआई के अनुसार चेन्नई स्थित व्यक्ति ने 50 लाख रुपये (रिश्वत) की मांग की, जो पंजाब स्थित फर्म ने दे दिये.    एजेंसी का आरोप है कार्ति चिदंबरम के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने स्थापित नियमों का उल्लंघन करते हुए चीनी नागरिकों के लिए वीजा दिलाने में मदद की.  

 

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