Patna: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ते. इस बार चिराग पासवान ने जातीय जनगणना पर लगे रोक को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी शुरु से जातीय जनगणना का समर्थन करती आई है, लेकिन जिस तरह से नीतीश कुमार ने बिना किसी तैयारी के जनगणना का काम शुरु करवाया वो सही नहीं था. चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमारी बातों को नजरअंजाद किया. हमारी पार्टी शुरु से इस मामले में सर्वदलीय बैठक की बात करती आई है, आज अगर सही तरह से बैठक होकर चर्चा हुई होती तो आज जनगणना का काम रूका नहीं होता.
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सुप्रीम कोर्ट से नीतीश सरकार को लगा था झटका
बता दें कि बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के मामले में पटना हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन मामले में राज्य सरकार को SC से राहत नहीं मिला. कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि- पहले हाईकोर्ट का फैसला आने दें. जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पहले 3 जुलाई को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होने दीजिए, राहत नहीं मिलने पर आप यहां आ सकते हैं.
सात जनवरी से चल रही थी जातीय जनगणना
बिहार में जातिय जनगणना सात जनवरी से चल रहा था. अधिकारी डोर टू डोर जाकर लोगों से उनकी जाति की समीक्षा कर रहे थे. जातीय जनगणना को लेकर नीतीश और तेजस्वी हमेशा से एक मत रहे हैं. जब बिहार में एनडीए की सरकार थी, तब भी मुख्यमंत्री ने उस वक्त नेता प्रतिपक्ष रहे तेजस्वी के साथ दिल्ली जाकर पीएम से मुलाकात की थी. हालांकि गणना कराने को लेकर केंद्र कभी भी राजी नहीं हुआ. राज्य सरकार इसे अपने बलबूते करवा रही है. ये भी कारण है कि बीजेपी लगातार हमलावर रहती है.
बिहार में क्यों की जा रही जातीय जनगणना
दरअसल बिहार में ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां लंबे समय से जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे. उनका कहना है कि जातीय जनगणना होने से दलितों और पिछड़ों की संख्या का पता चलेगा. जिससे सरकार उनके लिये कई तरह की योजनाएं बनायेगी.
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