Search

CID ने बड़े साइबर क्राइम नेटवर्क का किया खुलासा, चीन से जुड़े तार, 7 अरेस्ट

Ranchi : झारखंड पुलिस के अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के साइबर क्राइम थाने ने एक बड़े और सुनियोजित साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह निवेश घोटालों और 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी गतिविधियों में शामिल था, जिसमें चीनी जालसाजों की मिलीभगत से अवैध वित्तीय लेनदेन किए जा रहे थे.

 

सीआईडी डीजी के आदेश पर, सीआईडी की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में कुमार दीपक, कुमार सौरभ, प्रभात कुमार, लखन चौरसिया, शिवम कुमार, अनिल कुमार और प्रदीप कुमार शामिल हैं. इन साइबर अपराधियों के पास से 12 मोबाइल फोन, 11 सिम कार्ड, 14 एटीएम कार्ड और व्हाट्सएप व टेलीग्राम चैट से प्राप्त 60 बैंक खातों का विवरण बरामद हुआ है.

 

 कैसे हुआ खुलासा? 


4 जुलाई को साइबर क्राइम थाने को एक गुप्त सूचना मिली थी कि जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के ओलिव गार्डन होटल में एक संगठित साइबर गिरोह इकट्ठा हुआ है. यह गिरोह 'म्यूल बैंक खातों' (धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल होने वाले बैंक खाते) की व्यवस्था करने और चीनी जालसाजों के साथ मिलकर काम करने में संलिप्त था. सूचना मिलते ही सीआईडी ने तत्काल कार्रवाई की और मौके से सात एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया. ये एजेंट देश के अलग-अलग हिस्सों से म्यूल बैंक खातों की आपूर्ति में शामिल थे. इनके साथ ही एक विशेष एजेंट भी पकड़ा गया, जो Moonpay, Dragonpay, Superpay और Mangopayindia जैसी चीनी कंपनियों के लिए काम कर रहा था. गिरफ्तार किए गए चीनी नेटवर्क से जुड़े एजेंटों के व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैट्स से बड़ी संख्या में बैंक खातों की जानकारी और कई डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं.

 

धोखाधड़ी का तरीका जांच में सामने आया कि यह गिरोह किस तरह से काम करता था


चीनी गिरोह के लिए काम करने वाले एजेंटों को टेलीग्राम के माध्यम से एक विशेष एप्लिकेशन (APK फाइल) भेजी जाती थी. एजेंट इस एप्लिकेशन को उन सिम कार्ड में इंस्टॉल करते थे, जो बैंक खातों से जुड़े होते थे. एक बार इंस्टॉल होने के बाद, यह एप्लिकेशन स्वचालित रूप से बैंक से संबंधित ओटीपी और अलर्ट्स को चीनी सर्वर पर भेज देती थी. चीन में बैठे अपराधी इन जानकारियों का उपयोग करके उन खातों का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते थे और करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम देते थे. जिसमें 60 म्यूल बैंक खातों की जानकारी मिली.

 

 देश भर में 68 शिकायतें दर्ज 


सीआईडी को अब तक 60 म्यूल बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिनसे पूरे भारत में कुल 68 शिकायतें दर्ज हैं. ये सभी बैंक खाते विभिन्न राज्यों में दर्ज निवेश घोटाले और डिजिटल अरेस्ट से संबंधित शिकायतों से जुड़े हुए हैं, जिनकी रिपोर्ट एनसीआरपी पोर्टल पर उपलब्ध है.झारखंड सीआईडी ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान लिंक, कॉल या निवेश प्रस्ताव से सावधान रहें. किसी भी साइबर अपराध की सूचना तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें.

Follow us on WhatsApp