Ranchi : झारखंड में सोलर पावर को बढ़ावा देने की कई योजनाएं और नीति भी बनी. राज्य गठन के बाद से अब तक सिर्फ 83.93 मेगावाट ही सोलर पावर से बिजली मिल रही है. जबकि सौर नीति में 2027 तक 4000 मेगावाट सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
टेंडर में फंसी परियोजनाएं
सोलक पावर को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोजेक्टों को अमलीजामा पहनाने की कोशिश की गई. कई प्रोजेक्ट पूरे भी नहीं. कई टेंडर के खेल में फंस गए. चांडिल में 600 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट अब तक अधर में लटका हुआ है.
लगभग दो साल बाद भी यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया. इसी तरह सिकिदिरी के गेतलसूद डैम में वर्ल्ड बैंक की मदद से 150 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना बनी, करार भी हुआ. अब यह भी ठंडे बस्ते में चला गया है. यह प्रोजेक्ट 800 करोड़ का है.
ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट
पश्चिम सिंहभूम और पलामू में ग्राउंट माउंटेड सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना बनी. खाका भी खींचा गया. पर काम पूरा नहीं हुआ. इसके तहत पश्चिमी सिंहभूम में पांच मेगावाट पलामू में नौ मेगावाट का सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जाना था. इसी तरह गिरिडीह सोलर सिटी में 18 मेगावाट का ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट का काम पूरा नहीं हो पाया है.
अब तक हुआ कितना काम
• ऑफ ग्रिड से 3.20 मेगावाट सौर बिजली की आपूर्ति 103 गांव के 8000 लोगों को मिल रहा लाभ
• रूफ टॉप सोलर से 62.71 मेगावाट बिजली की आपूर्ति, 2500 सरकारी भवन व सरकारी आवास को मिल रही बिजली
• गिरिडीह सोलर सिटी में 11 मेगावाट प्लांट की स्थापना
• कॉरपोरेट सोलर प्रोजेक्ट के तहत दो मेगावाट प्लांट, हाईकोर्ट को मिल रही बिजली
• ग्राउंट माउंटेड सोलर प्रोजेक्ट के तहत राज्य के एयरपोर्ट में तीन मेगावाट के प्लांट स्थापित किए गए
• कैनल टॉप प्रोजेक्ट के तहत सिकिदिरी में दो मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया गया.
सोलर पावर व टारगेट
सोलर पार्क | 700 मेगावाट |
नन सोलर पार्क | 1000 मेगावाट |
फ्लोटिंग सोलर | 900 मेगावाट |
कनाल टॉप सोलर | 400 मेगावाट |
रुफ टोप सोलर | 250 मेगावाट |
कैप्टिव सोलर प्लांट | 220 मेगावाट |
सोलर एग्रीकल्चर | 250 मेगावाट |
मिनी और माइक्रो ग्रिड | 110 मेगावाट |
सोलर फॉर लाइवलीहुड | 50 मेगावाट |
सोलर पंप के लिए | 120 मेगावाट |