Hazaribagh : जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी के मुआवजा शिविर के दौरान हुई झड़प के बाद पुलिस ने सैकड़ों ग्रामीणों पर मामला दर्ज किया गया. साथ ही कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया.
इसके विरोध में गुरुवार सुबह से ही ग्रामीणों ने बड़कागांव थाने का घेराव कर दिया है. ग्रामीण बड़ी संख्या में एकजुट होकर पुलिस कार्रवाई रद्द करने और गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग कर रहे हैं.
बिना सबूत के गिरफ्तार करने पर इलाके में भारी आक्रोश
आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि बुधवार रात को पुलिस ने बादम गांव से दामोदर साव, विक्की गुप्ता व बालो गुप्ता और हरली से टिकेश्वर महतो व देवनारायण महतो को उनके घरों से उठाकर थाने ले आई.
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी ठोस सबूत के इन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिससे इलाके में भारी आक्रोश फैल गया है।
प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हैं, जो पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं.
ग्रामीणों की मांग , निर्दोष लोगों को तुरंत छोड़ा जाए
ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा नहीं किया जाता और उन पर दर्ज किए गए मामले वापस नहीं लिए जाते, तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा.
उनकी मांग है कि निर्दोष लोगों को तुरंत छोड़ा जाए और पुलिस अपना मामला वापस ले. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बड़कागांव थाना परिसर के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की है, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
दो दिन पहले हुआ था हिंसक झड़प
यह पूरा मामला दो दिन पहले हुए एक विवाद से जुड़ा है. एनटीपीसी के बादम कोल परियोजना शुरू करने से पहले बीते 11 अगस्त को मुआवजा शिविर का आयोजन किया गया था. इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें एनटीपीसी के जीएम, डीजीएम और सीओ समेत कई लोग घायल हुए थे.
इस घटना के बाद ही पुलिस ने ग्रामीणों पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है, जिसके चलते यह नया विरोध प्रदर्शन सामने आया है. यह घटना स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच तनाव को और बढ़ा रही है.
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