-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा की, दिए कई निर्देश-केसीसी लोन स्वीकृत करने में बैंक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, सहकारी और ग्रामीण बैंकों से लॉन्च कराने का कार्य करें -नयी फसलों या फसल प्रणालियों से कृषि उत्पादन को जोड़ने का एक्शन प्लान बनाएं -पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए मॉडल फार्म स्थापित करने की दिशा में पहल हो - कृषि उत्पादों के निर्यात की संभावनाओं को तलाशें Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मानसून का अब तक हुई कम बारिश, मौसम का रुख और संभावित सूखे को देखते हुए अफसरों को एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश
दिया. उन्होंने कहा कि फिलहाल मौसम का जिस तरह का रुख देखने को मिल रहा
है. उससे किसानों के सामने कई
बड़ी चुनौतियां
खड़ी हो रही
हैं. ऐसे हालात में नई फसलों या फसल प्रणालियों से कृषि उत्पादन को
जोड़ने का एक्शन प्लान तैयार
करें. किसानों को वैकल्पिक खेती करने के लिए प्रेरित
करें. उन्हें इसे लेकर तकनीक की भी जानकारी
दें. किसानों को मिलेट्स, दाल और ऑयल सीड की खेती के लिए प्रेरित
करें. यह बातें सीएम सोरेन ने सोमवार को कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान
कही. मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों से कहा कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को केसीसी से आच्छादित करने के साथ केसीसी लोन उपलब्ध कराने की पहल
करें. ऐसा देखा जा रहा है कि केसीसी लोन स्वीकृत करने में बैंक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे
हैं. ऐसे में सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों से
लॉन्च कराने की दिशा में कार्य
करें. बैठक में कृषि बादल, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि सचिव अबू
बकर सिद्दीक, निबंधक सहयोग समितियां मृत्युंजय वर्णवाल, निदेशक कृषि चंदन कुमार, निदेशक उद्यान
नेसार अहमद, निदेशक भूमि संरक्षण अजय कुमार सिंह, निदेशक मत्स्य एच एम द्विवेदी सहित कई उपस्थित
थे. इसे पढ़ें- राज्यपाल">https://lagatar.in/army-officers-met-the-governor/">राज्यपाल
से मिले सेना के अधिकारी एग्रो इंडस्ट्रीज को बढ़ाने की दिशा में कार्य करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में कई ऐसे कृषि और वन उपज
हैं. जिसकी अच्छी पैदावार होती है.लेकिन, किसानों को उसका उचित लाभ नहीं मिल पाता है, ऐसे में इन कृषि उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के साथ उसके निर्यात की संभावनाओं को
तलाशें. इसके साथ
एग्रो इंडस्ट्रीज को भी बढ़ावा देने की दिशा में कार्य योजना
बनाएं. कृषि और पशुपालन के रास्ते ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
मिलेगी.जब तक किसान और पशुपालक सशक्त नहीं बनेंगे, राज्य विकास के रास्ते पर तेजी से आगे नहीं
बढेगा. इस वजह से कृषि एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चल रही
हैं. उन्हें इन योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इस दिशा में धरातल पर ठोस कार्य
होगा. किसान पाठशाला को एक विद्यालय की तरह स्थापित करें
मुख्यमंत्री ने कहा किसान पाठशाला को एक विद्यालय की तरह स्थापित
करें. यह सेंटर ऑफ एग्रीकल्चर मूवमेंट हो सकता
है. ऐसे में यहां किसानों के लिए नियमित रूप से प्रशिक्षण और कार्यशाला का आयोजन होना
चाहिए. किसानों को यहां उन्नत और बहु वैकल्पिक कृषि की जानकारी दी
जाए.किसानों को किसान पाठशाला में लाने की व्यवस्था सुनिश्चित
करें. इतना ही नहीं किसानों को अगल-बगल के गांव, प्रखंडों और जिलों का भी भ्रमण कराया जाए, ताकि दूसरे किसानों द्वारा की जाने वाले कृषि कार्यों से भी अवगत हो
सकें. इसे भी पढ़ें- बांग्लादेशी">https://lagatar.in/demography-of-jharkhand-is-changing-due-to-bangladeshi-infiltration-government-should-take-it-seriously-governor/">बांग्लादेशी
घुसपैठ से बदल रही झारखंड की डेमोग्राफी, सरकार गंभीरता से ले : राज्यपाल किसानों को खेती से जोड़े रखने के लिए कदम उठाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कृषि योग्य भूमि कम हो रही है और किसान भी खेतिहर मजदूर के
रुप में तब्दील होते जा रहे
हैं. यह कृषि के लिए किसी भी रूप में अच्छा संकेत नहीं
है. ऐसे में जो किसान खेतिहर मजदूर बनने को मजबूर है, उन्हें बिरसा हरित ग्राम योजना और
नीलाम्बर -पीताम्बर जल समृद्धि योजना जैसी योजनाओं से
जोड़ें. इससे वे कृषि और उससे संबंधित कार्यों से
जुड़े भी रहेंगे और उनकी आय में भी इजाफा
होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड से प्रदेश में किसानों के लिए पशुपालन काफी अहम है अगर किसी वजह से पशुओं की मौत हो जाती है तो किसान पशुपालक आर्थिक रूप से टूट जाते हैं ऐसे में सभी पशुओं के इंश्योरेंस को सुनिश्चित
करें. इसके लिए 2019 में जानवरों की हुई गणना को आधार बनाते हुए इंश्योरेंस करने की नीति
बनाएं. दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन को लेकर एक्शन प्लान बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन पालन में राज्य कब तक आत्मनिर्भर बन जाएगा, इसके लिए एक्शन प्लान बनाएं और उसी अनुसार योजनाओं को कार्यान्वित
करें. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए मॉडल फार्म स्थापित करने की दिशा में ही पहल
हो. इससे दुग्ध का उत्पादन बढ़ेगा और बाजार भी उपलब्ध
होगा. लैम्प्स- पैक्स को मजबूत करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में
लैम्प्स और
पैक्स को मजबूत करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। लेकिन, कई
लैम्प्स -पैक्स के भवन काफी जर्जर हालात में
हैं. इन भवनों का मरम्मत सुनिश्चित करें और इसकी उपयोगिता को किसानों तक
पहुंचाएं. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जो भी कोल्ड स्टोरेज बन रहे हैं, वहां एप्रोच रोड के साथ बिजली -पानी की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए, ताकि उसका इस्तेमाल सही तरीके से हो
सके. [wpse_comments_template]
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