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30 जून को 480 पदाधिकारियों का किया गया तबादला
सीएम के इस फैसले के बाद राजद में हड़कंप मच गया है. इसको राजनीति भी तेज हो गयी है. कहा जा रहा है कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. दरअसल राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने 30 जून की रात को विभाग के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर आदेश जारी किये थे. इनमें 480 पदाधिकारियों के तबादले की अधिसूचना जारी की गयी थी. इसमें सबसे ज्यादा 395 अंचल अधिकारियों यानी CO की तदाद थी. वहीं 30 पदाधिकारियों को अपने मूल कैडर में वापस भेजा गया था. इसे भी पढ़ें : यूएपी">https://lagatar.in/in-more-than-50-cases-uap-act-there-were-mistakes-in-proposal-for-sanction-prosecution-home-department-returned/">यूएपीएक्ट के 50 से अधिक कांडों में अभियोजन स्वीकृति के प्रस्ताव में थीं गलतियां, गृह विभाग ने लौटाया
नियमों के विरुद्ध था पदाधिकारियों का तबादला
बिहार सरकार के नियमों के मुताबिक, मंत्रियों को यह अधिकार होता है कि वो जून माह में अपने विभाग के पदाधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कर सकते हैं. वहीं जून के अलावा किसी दूसरे महीने में ट्रांसफर पोस्टिंग करने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री से मंजूरी लेनी पड़ती है. यह भी नियम है कि पदाधिकारियों के तीन साल पूरे होने पर उनका तबादला किया जा सकता है. किसी विशेष परिस्थिति में ही किसी पदाधिकारी की तीन से पहले ट्रांसफर-पोस्टिंग की जा सकती है. लेकिन मंत्री ने जिन 480 पदाधिकारियों का तबादला किया था, उनमें से ज्यादातर का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था. इसे भी पढ़ें : डीजीपी">https://lagatar.in/dgps-order-do-not-let-ats-run-short-of-fuel-during-raids/">डीजीपीका आदेश, छापेमारी के दौरान ATS को ईंधन की कमी ना होने दें [wpse_comments_template]
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