Ranchi: बजट सत्र के समापन भाषण में सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा 1932 हमारा था, हमारा है और हमारा रहेगा. नियोजन नीति भी आएगी. सब समय अनुकूल होगा. उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि हमें खरोंच लगाया गया है, इस षडयंत्र में ये लोग भी शामिल हैं, लेकिन मैं वो शेर का बच्चा हूं जिसने लंबी छलांग लेने के लिए 2 कदम पीछे लिया है. उन्होंने कहा कि इनकी नजर राज्य की गरीब जनता पर कभी नहीं रही है, न ये सच का सामना कर सकते हैं. यह बात स्वीकारनी चाहिए कि 11 लाख राशन कार्ड हटा दिये गये थे. कहां ये सहयोग करते हैं, सिर्फ पर्दे के पीछे से सहयोग करने से नहीं होगा.
बीजेपी बताए उसे 1932 चाहिए या 1985
हेमंत ने कहा कि बीजेपी ने बाहर के लोगों को नौकरी देने का रास्ता खोल दिया था. हम रोकने के लिए नीति लाये मगर यही लोग कानूनी खेल खेलते हैं. अब 1932 का नाटक कर रहे हैं. देश का पैसा लेकर मोदी के मित्र देश से भाग गए, ये पैसा किसका था. बीजेपी को बताना चाहिए कि उन्हें 1932 चाहिए या 1985.
ये गौरव की बात कि हमारे कानून दूसरे राज्य फॉलो कर रहे हैं
हेमंत ने आगे कहा कि इनकी सरकार मे जेपीएससी की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. कोर्ट-कचहरी, ईडी, सीबीआई सब हो गया है. हमने जेपीएससी में समय पर नियुक्ति की. झारखंड जैसे गरीब राज्य में कौन अपने बाल-बच्चों को विदेशों में पढ़ाने का सपना देखता है, लेकिन हम बच्चों को विदेशों में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं. ये गौरव की बात है कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में बने कानून को दूसरे राज्य फॉलो कर रहे हैं. भारत सरकार भी हमारे नियमों को अपनाकर कानून बनाने की तैयारी कर रहा है.
इसे भी पढ़ें-अशोक विहार के 23 मकान मालिकों को बड़ी राहत, जगह खाली करने के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
50 फीसदी जनसंख्या को बैंक सपोर्ट नहीं करती है- सीएम
सीएम ने कहा कि राज्य की 50 प्रतिशत जनसंख्या को बैंक कोई सपोर्ट नहीं करती है. विधायकों को भी बैंक सपोर्ट नहीं करती है. लेकिन हमने पढ़ने वाले बच्चों को 4-5 फीसदी ब्याज पर 15 लाख तक ऋण देने का काम किया है. कहा कि स्थानीयता पर हमारे विपक्ष के भाई काफी चिंता में हैं. इसकी क्या वजह है मैं नहीं जानता. कुछ दिन पहले ही स्थानीय नीति पारित हुई, उसका क्या हश्र कर दिया है इन्होंने. पूरे सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमलोग कट्टर विचारधारा के लोग हैं. हमलोग बिल्कुल 1932 के प्रति जो हमारी कोशिश है. ये पता था कि विपक्ष के माध्यम से अड़चनें आएंगी. विपक्ष में भी कुछ मूलवासी-आदिवासी हैं. बड़ा विचित्र बात है कि हमारे मूलवासी-आदिवासी विपक्षी लोग रोबोट की भूमिका में हैं. जो उपर से आदेश होता है उसपर ही वो चलते हैं.
इसे भी पढ़ें- ऐसा न हो कि मदर ऑफ डेमोक्रेसी को फादर ऑफ पावर कुचल दे- सीएम
27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को इन्होंने धराशायी कर दिया- सीएम
सहूलियत की राजनीति नहीं होनी चाहिए. सहूलियत की राजनीति से राज्य का भला नहीं होगा. इन्होंने ओबीसी आरक्षण को 27 फीसदी से घटाने का काम किसने किया था. हमने 27 फीसदी आरक्षण का बिल लाया उसे भी विपक्ष ने धराशायी कर दिया. इन्होंने से आधे से अधिक बाहरी लोगों को भर दिया है. इनके कार्यकाल में शिक्षकों की बहाली हुई. इनके तत्कालीन शिक्षा मंत्री के जिला में 173 लोगों की बहाली हुई थी, जिसमें करीब आधे बाहरी थे. जेपीएससी में 250 अभ्यर्थियों की बहाली हमने की है. गिन के बता दीजिए कितने लोग बाहरी हैं. ये लोग बंगला,गाड़ी, सिक्योरिटी को इधर-उधर करते रहते हैं.
[wpse_comments_template]