Ranchi : मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सभी उपायुक्तों को राज्य के व्यावसायिक बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया सितंबर के पहले पखवारे तक पूर्ण करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी हो और कोई तकनीकी समस्या न आए, इसके लिए उपायुक्तों को बालू घाटों की नई पालिसी को पूरी तरह समझना होगा.
नीलामी प्रक्रिया के मुख्य बिंदु
बालू घाटों की श्रेणियां : बालू घाटों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है. पहली श्रेणी में 5 हेक्टेयर से कम रकबा वाले बालू घाट होंगे, जिनका संचालन ग्राम सभा के माध्यम से होगा. दूसरी श्रेणी में 5 हेक्टेयर से अधिक रकबा वाले बालू घाटों की नीलामी होगी.
नीलामी की शर्तें : किसी भी एक व्यक्ति को 1000 हेक्टेयर से अधिक रकबा का बालू घाट नहीं दिया जाएगा और दो से अधिक समूह का ठेका भी नहीं दिया जाएगा.
बालू का दर निर्धारण : सरकार बालू का दर निर्धारण नहीं करेगी, लेकिन प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि बालू का वैध कारोबार हो.
उपायुक्तों की भूमिका : उपायुक्तों की भूमिका नीलामी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होगी. उन्हें नीलामी प्रक्रिया का मॉक ड्रिल करना होगा और पूरी प्रक्रिया से नीलामी लेने वालों को अवगत कराना होगा.
नीती की विशेषताएं
सरकारी मंशा : नई बालू नीति का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उचित कीमत पर बालू उपलब्ध कराना और बालू के अवैध कारोबार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना है.
प्रशिक्षण : उपायुक्तों और खनन पदाधिकारियों को बेसिक जानकारी के लिए प्रशिक्षित होना होगा.
हेल्पलाइन : जरूरत पड़ने पर हेल्पलाइन की व्यवस्था की जाएगी.
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