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कांग्रेस चुनाव आयोग पर हमलावर, कहा, बिहार के दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों का मताधिकार छीनने की साजिश हो रही

New Delhi/Patna :  कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर हमलावर होते हुए कहा कि आयोग ने बिहार के लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लोगों से नागरिकता साबित करने के लिए कागज मांगे गये हैं. जो कागज नहीं दिखा पायेगा, उसे वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा. 

 

 

 

कांग्रेस ने कहा कि लोगों का कहना है कि उनके पास खुद की नागरिकता साबित करने के लिए आधार कार्ड है, जिसे चुनाव आयोग मानने को तैयार नहीं है. अब बिहार के लोग चुनाव आयोग के मांगे गये कागज जुटाने के लिए  भटक रहे हैं और सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं. ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं . चुनाव से ठीक पहले ऐसा प्रयोग क्यों किया जा रहा है? 

 

कांग्रेस ने कहा कि  एक माह में 8 करोड़ लोगों की नागरिकता की जांच कैसे संभव है?  जिन्होंने एक साल पहले लोक सभा चुनाव में वोट दिया था, वो एक साल बाद अयोग्य कैसे हो गये? ये साफ तौर पर बिहार के दलितों, वंचितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों से उनका मताधिकार छीनने की साजिश है लोकतंत्र पर सीधा हमला है. 

 

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि  चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को स्पष्ट रूप से बताया कि 20 फीसदी लोगों को बाहर रखा जा सकता है. जब वे बाहर रखने का इरादा रखते हैं, तो हम क्या कर सकते हैं? उनके इरादे स्पष्ट हैं. अब, आप इसे 25 दिनों में करेंगे, जिसका मतलब है कि आप कागजात की जांच किये  बिना नाम हटाना चाहते हैं.

 

पवन खेड़ा ने कहा, आप जानते हैं कि किस वर्ग के नाम को हटाना है. पवन खेड़ा ने कहा कि हमारे पास कई विकल्प हैं. सड़क से लेकर संसद और अन्य जगहों पर जो हमारे पास उपलब्ध हैं. इस देश में किसी भी संस्था को धमकाया नहीं जा सकता.

 


बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के मतदाता पुनरीक्षण को लेकर  कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने  भाजपा पर हल्ला बोला.  उन्होंने पटना में मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि पहले वे मतदाता सूची में धांधली बैकडोर से कर रहे थे.  वे अब चुनाव आयोग की सहमति से करेंगे.   

 


उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मतदाता पुनरीक्षण कार्य का विरोध करती है, क्योंकि यह युवा, पिछड़े, अति पिछड़े, दलित, और अल्पसंख्यकों को मतदाता सूची से हटाने की साजिश है.  ऐसे लोगों को चुन-चुनकर हटाने की कोशिश है.

 

 

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