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कांग्रेस ने GST सरलीकरण को लेकर कहा, अब जाकर मोदी सरकार की कुम्भकर्णी नींद खुली

New Delhi : कांग्रेस ने जीएसटी स्लैब बदलने को लेकर कहा कि एक दशक से कांग्रेस, GST के सरलीकरण की मांग कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने One Nation, One Tax  को One Nation, 9 Taxes बना दिया था. जिसमें 0%, 5%, 12%, 18%, 28% के Tax Slabs शामिल थे.साथ ही 0.25%, 1.5%, 3% व 6% की विशेष दरें लागू की थीं. 

 

 

 

कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 और 2024 के घोषणापत्रों में सरल और तर्कसंगत कर व्यवस्था के साथ GST 2.0 की मांग की थी. हमने GST के जटिल Compliances को भी सरल बनाने की मांग की थी, जिससे MSMEs और छोटे व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए थे.  खड़गे ने  याद दिलाया कि  28 फ़रवरी 2005 को यूपीए  सरकार ने लोक सभा में GST की औपचारिक घोषणा की थी.

 

2011 में जब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुख़र्जी जी GST Bill लेकर आये तब भाजपा ने उसका विरोध किया था. जब मोदी जी मुख्यमंत्री(गुजरात) थे, तब उन्होंने GST का विरोध किया था. आज यही भाजपा सरकार रिकॉर्ड GST Collections का जश्न मनाती है, जैसे कि आम जनता से टैक्स वसूलकर उसने कोई बहुत बड़ा काम किया हो. 

 

खड़गे ने कहाकि देश के इतिहास में पहली बार किसानों पर टैक्स लगाया गया है. मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र की कम से कम 36 वस्तुओं पर GST थोपा था. दूध-दही, आटा-अनाज, यहां तक कि बच्चों की पेन्सिल-किताबें, ऑक्सीजन, insurance और हस्पताल के खर्च जैसी रोज़मर्रा की चीज़ों पर भी मोदी सरकार ने GST टैक्स लगा दिया.  

 

इसीलिए हमने भाजपा के इस GST को गब्बर सिंह टैक्स का नाम दिया. कुल GST का दो-तिहाई यानी 64% हिस्सा गरीबों और मध्यम वर्ग की जेब से आता है, लेकिन अरबपतियों से केवल 3% GST वसूला जाता है, जबकि Corporate Tax की दर 30% से घटाकर 22% कर दी गयी है. पिछले 5 वर्षों में Income Tax वसूली में 240% की वृद्धि हुई और GST वसूली में 177% की बढ़ोतरी हुई

 

खड़गे ने कहा कि अच्छी बात है कि 8 वर्ष देर से ही सही GST पर मोदी सरकार की कुम्भकर्णी नींद खुली और उन्होंने जागकर Rate Rationalisation की बात की है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की कि सभी राज्यों को 2024-25 को आधार वर्ष मानकर 5 वर्षों की अवधि के लिए Compensation दिया जाये, क्योंकि दरों में कटौती से उनके राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है. GST के जटिल Compliances को भी ख़त्म करना होगा, तभी सही मायने में MSMEs और छोटे उद्योगों को फ़ायदा पहुंचेगा.

 

जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से जीएसटी 2.0 की वकालत करती रही है कि बड़े पैमाने पर उपभोग होने वाली वस्तुओं पर टैक्स की दरें कम हो.  टैक्स चोरी, गलत वर्गीकरण और विवाद न्यूनतम किया जाये.  कहा कि इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (जहां इनपुट पर आउटपुट की तुलना में अधिक टैक्स लगता है) समाप्त करे. एमएसएमई पर प्रक्रियागत नियमों का बोझ कम करे और जीएसटी के दायरे का विस्तार करे.

 

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