Ranchi: झारखंड को लेकर लगातार सौतेला व्यवहार किये जाने का आरोप कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने लगाया. बादल ने आगे कहा कोरोना महामारी में जहां लोग एक दूसरे की मदद कर उनके जीवन को बचाने में जुटे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार कोरोना महामारी में भी राजनीति कर रही है. केंद्र सरकार के द्वारा ओछी राजनीति का परिणाम है कि झारखंड में एक मई से शुरू होने वाले 18 से 44 आयु वर्ग को वैक्सीन देने की शुरूआत नहीं हो सकी.
बादल ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री,ग्रामीण विकास मंत्री,स्वास्थ्य मंत्री,सहित पूरा कैबिनेट और विधायक, संगठन के कार्यकर्ता सहित आम लोग दिन रात मेहनत कर लोगों को बचाने में जुटे हैं, ऐसे वक्त में केंद्र सरकार के द्वारा वैक्सीन को लेकर मदद नहीं क्या जाना समझ से परे है.18 साल से ऊपर और 45 साल से कम के राज्य में कुल 1 करोड़ 57 लाख लोग हैं, जो हमारा युवा वर्ग है. किसी समाज राज्य और देश की बागडोर इन्हीं युवाओं के कंधों पर होती है. लेकिन इन युवाओं को ही केंद्र सरकार ने दरकिनार कर दिया है. केंद्र सरकार को इन युवाओं की याद सिर्फ और सिर्फ चुनाव के वक्त ही आती है. केंद्र की भाजपा सरकार को राज्य के युवाओं का तनिक भी चिंता नहीं है.
बादल ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब केंद्र ने कहा था की सभी राज्यों में 1 मई से 18 साल से ऊपर और 45 साल से कम के लोगों को वैक्सीन देने की शुरुआत हो जाएगी. फिर झारखंड में यह शुरुआत क्यों नहीं हुई. जबकि झारखंड सरकार के द्वारा दो कंपनियों भारत बायोटेक और सिरम इंस्टीट्यूट को 25 -25 लाख डोज वैक्सीन का आर्डर व अग्रिम राशि भी दे दी गई है. इसके बाद भी राज्य को समय पर वैक्सीन नहीं मिला. कंपनियों के द्वारा कहा जा रहा है कि पहले केंद्र सरकार के द्वारा जो आर्डर दिए गए हैं उसकी पूर्ति की जाएगी फिर आपको दिया जाएगा. आखिर ऐसा क्यों है, क्या झारखंड के युवा इस देश के युवा नहीं है.