New Delhi : सीजेआई बीआर गवई पर जूता उछालने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जायेगी. अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कोर्ट अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 15 के तहत अवमानना की कार्यवाही चलाये जाने पर मुहर लगा दी है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी है. जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर टिप्पणी की कि कोर्ट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में हैं, लेकिन हमारे समक्ष समस्या यह है कि इस पर कैसे नियंत्रण पाया जाये
जस्टिस सूर्यकांत का कहना था कि हमारा धर्म कभी भी हिंसा को बढ़ावा नहीं देता. इस पर चिंता जताई कि सोशल मीडिया में सब कुछ बिकाऊ हो गया है. याद करें कि 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के कोर्टरूम नंबर 1 में 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने सुनवाई के क्रम में CJI गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की.
हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत राकेश किशोर को पकड़ लिया और बाहर ले गये. जूता उछालने के बाद किशोर ने नारा लगाया... सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान. जान लें किबार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने किशोर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. हालांकि इस घटना से CJI गवई विचलित नहीं हुए. कहा कि ऐसी घटनाओं उन्हें प्रभावित नहीं करतीं.
वकील राकेश किशोर द्वारा CJI की ओर जूता फेंकने और नारा लगाने के पीछे का CJI गवई की एक टिप्पणी थी. पिछले माह खजुराहो के जावरी मंदिर में क्षतिग्रस्त भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण की याचिका पर सुनवाई करते हुए CJI गवई ने इसे पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन कहा था. उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा था कि वे जाकर खुद भगवान से कहें कि आप ही कुछ करो.
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