New Delhi : डोनाल्ड ट्रंप का दावा कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा...भारत ने एक तरह से नकार दिया है. भारत ने स्पष्ट कहा है कि उसकी प्राथमिकता भारत के लोग हैं. भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावे का खंडन करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने रूस से तेल खरीदना बंद करने का वादा नहीं किया था.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच हाल में किसी तरह की फोन कॉल नहीं हुई है. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा, मेरी जानकारी में ऐसा कोई बातचीत या फोन कॉल कल दोनों नेताओं के बीच नहीं हुआ.”
#WATCH | Delhi | On US President Trump’s statement over purchase of Russian oil by India, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "... On the question of whether there was a conversation or a telephone call between Prime Minister Modi and President Trump, I am not aware of any… pic.twitter.com/CqjfqCEO0p
— ANI (@ANI) October 16, 2025
Our response to media queries on comments on India’s energy sourcing⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 16, 2025
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डोनाल्ड ट्रंप के बयान के संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय ने इशारों में जवाब दिया है. कहा है कि भारत का तेल आयात भारत के हितों की रक्षा के आधार पर तय किया जाता है. भारतीय उपभोक्ताओं के हित की रक्षा करना हमारी (भारत) की प्राथमिकता है.
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उन्हें भरोसा दिया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. ट्रंप के बयान के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी को कमजोर बताते हुए उन पर जोरदार हमला बोला है. मामले को तूल पकड़ते देख विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी सांसद जयराम रमेश सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं ने पीएम मोदी पर हमला बोला है और उन पर विदेश नीति को आउटसोर्स करने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर लिखा है कि नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश के सम्मान का सौदा कर दिया. ट्रंप का कहना है कि उनकी नाराजगी और धमकियों से डरकर मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा.
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि भारत तेल और गैस का प्रमुख आयातक देश है. कहा कि अस्थिर वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमेशा से हमारी प्राथमिकता में शामिल रहा है. विदेश मंत्रालय ने भारत संबंधों पर भी अपनी बात रखी,
मंत्रालय न कहा कि जहां तक अमेरिका की बात है तो हम उससे कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद को बढ़ाने के प्रयास में हैं. पिछले वर्तमान प्रशासन (अमेरिकी) ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग बढ़ाने में गहरी रुचि दिखाई है. इस विषय पर हमारी बातचीत जारी है.
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