Ranchi : रांची विश्वविद्यालय के कुड़माली विभाग में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर नए विवाद ने जोर पकड़ लिया है. कुछ पीएचडी अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि वे लंबे समय से विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनका नामांकन नहीं किया जा रहा है.
छात्रों का आरोप है कि विभाग की ओर से उन्हें यह कहा जा रहा है कि रांची विश्वविद्यालय के छात्रों को ही प्राथमिकता दी जाएगी और इसी वजह से उनका एडमिशन रोका गया है. छात्रों का दावा है कि वे DSPMU से पढ़े हुए हैं और इसी आधार पर उनका नामांकन स्वीकार नहीं किया जा रहा है.
हालांकि, कुड़माली विभाग की विभागाध्यक्ष (HOD) गीता कुमारी सिंह ने इन आरोपों को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया है. उन्होंने कहा कि विभाग में पहले से ही DSPMU से पढ़े हुए कई छात्र नामांकित हैं, इसलिए ऐसे दावे तथ्यहीन हैं.
गीता कुमारी सिंह ने स्पष्ट किया कि छात्रों को केवल निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार दस्तावेज और औपचारिकताएं पूरी करने को कहा गया है. लेकिन संबंधित छात्र प्रक्रिया पूरी नहीं कर रहे हैं. यही वजह है कि उनका नामांकन लंबित है.
पीएचडी में एडमिशन को लेकर विवाद तब और बढ़ गया, जब छात्रों ने विभाग के कुछ लोगों पर 10 लाख रुपये घूस मांगने का आरोप लगाया. हालांकि विभागाध्यक्ष ने इन सभी आरोपों को झूठा, निराधार और बदनाम करने की साजिश करार दिया.
गीता कुमारी सिंह ने कहा कि अगर किसी से 10 लाख रुपये की मांग की गई है, तो वे इसका प्रमाण प्रस्तुत करें. उन्होंने बिना सबूत के लगाए गए आरोपों के लिए संबंधित छात्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही.
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