Ranchi : झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा राज्य के विभिन्न थानों में मुंशी के पद पर आईआरबी, जैप और एसआईआरबी के जवानों के पदस्थापन को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. जैप की एडीजी प्रिया दुबे ने इसको लेकर आपत्ति जताई है. उन्होंने ना सिर्फ पुलिस मुख्यालय के आदेश को नियमों के खिलाफ बताया है, बल्कि यह भी कहा है कि इस आदेश का पालन नहीं किया जा सकता है.
प्रिया दुबे ने इस संबंध में डीआईजी (कार्मिक) को पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है कि थानों में मुंशी के पद पर आईआरबी, जैप और एसआईआरबी के जवानों के पदस्थापन नियमों के खिलाफ इसलिए है, क्योंकि पुलिसकर्मियों के तबादले के लिए बनी कमेटी ने इस बारे में कोई नहीं निर्णय लिया है और ना ही एडीजी जैप ने उस पर सहमति दी है. इसके बावजूद मुख्यालय ने मुंशी के पदस्थापन से संबंधित आदेश जारी कर दिया. वैसे भी थानों में मुंशी का पदस्थापन जिलों के एसपी के स्तर पर किये जाने का प्रावधान है.
उल्लेखनीय है कि पुलिस मुख्यालय ने 25 सितंबर को एक आदेश जारी कर आईआरबी, एसआईआरबी व जैप के 212 पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग विभिन्न जिलों के थानों में मुंशी के पद पर किया है. इससे पहले भी 23 जुलाई व तीन जुलाई 2025 को सीआईडी डीजी के स्तर से 89 महिला पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग महिला थाना में की गयी थी. इन पदस्थापनों के बारे में पुलिस मुख्यालय ने एडीजी जैप को कोई जानकारी नहीं दी है.
एडीजी जैप ने डीआईजी कार्मिक को लिखे पत्र में कहा है कि डीजीपी कार्यालय ने स्वयं के निर्देशों का उल्लंघन किया है और कनीय कार्यालयों व पदाधिकारियों से उनके आदेश के अनुपालन की अपेक्षा किया जाना अनुचित है.
एडीजी ने अन्य तथ्यों का उल्लेख करते हुए कहा है कि आईआरबी के जवानों की प्रतिनियुक्ति थानों में किया जाना अनुचित है. थानों में अपराध नियंत्रण का काम होता है, जबकि आईआरबी के जवान आर्म्स ड्यूटी के लिए प्रशिक्षित हैं, वह भी नक्सलियों से लड़ने के लिए.
एडीजी ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि पुलिस मुख्यालय द्वारा जो प्रतिनियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं, उस तरह के आदेश पहले किसी डीजीपी ने जारी नहीं किया है. स्थापित नियम व परिपाटी के अनुसार, अपराध नियंत्रण के लिए आर्म्ड फोर्स के जवानों को सिर्फ प्रतिनियुक्त किया जाता है.
इसके अलावा जैप व आईआरबी के जवानों के स्थानांतरण के लिए 28 जनवरी 2025 को एक बोर्ड का गठन किया गया है. इस बोर्ड की अनुशंसा का अनुमोदन एडीजी जैप करते हैं. लेकिन डीजीपी के वर्तमान आदेश को बोर्ड की अनुशंसा या जैप एडीजी का अनुमोदन प्राप्त नहीं है.
एडीजी ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि डीजीपी कार्यालय ने अपने ही पूर्व के आदेशों का उल्लंघन कर वर्तमान में जो आदेश जारी किया है, वह पूरी तरह अनुचित है. पहले से स्थापित नियम व परिपाटी भी उपलब्ध नहीं है.
ऐसे में जैप, आईआरबी व एसआईआरबी के जवानों का थानों में मुंशी के रुप में प्रतिनियुक्ति के आदेशों को रद्द दिया जाना चाहिए. अन्यथा इस प्रतिनियुक्ति आदेश का अनुपालन संभव नहीं है.
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