Ranchi : चतरा जिले के प्रतापपुर एवं कुंदा थाने की सीमा पर बीते 18 सितंबर की दोपहर पुलिस और भाकपा माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ 190वीं बटालियन के जवान चितरंजन कुमार को गोली लगी थी. उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची का मेडिका में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान गुरुवार को निधन हो गया. शहीद जवान के शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद सीआरपीएफ कैंप में उन्हें अंतिम सलामी दी जाएगी. पढ़ें – धोनी पहले खरीदना चाहते थे जेएससीए में बॉक्स, अब साउथ पवेलियन है उनके नाम
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चितरंजन कुमार को पैर व कमर में लगी थी गोली
घायल सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार को हेलीकॉप्टर से रांची भेजा गया था. उनके पैर और कमर में गोली लगी थी. सीआरपीएफ के जवान नक्सल विरोधी अभियान को लेकर छापेमारी के लिए निकले हुए थे. इसी क्रम में प्रतापपुर-कुंदा थाना क्षेत्र के सिकिद-बलही जंगल में उनका सामना माओवादियों से हो गया. माओवादी रीजनल कमेटी सदस्य अरविंद भुइयां व सब जोनल मनोहर गंझू दस्ते के साथ सुरक्षा बलों का सामना हुआ था. माओवादी की संख्या बीस से पचीस के बीच बताई जा रही थी. इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों को भी गोली लगी थी जिसे उसके साथ ही लेकर भागने में सफल रहे थे.
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