Ranchi : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) ने दक्षिण कोरिया के बुसान स्थित क्यूंगसंग विश्वविद्यालय के साथ एक महत्त्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए. यह साझेदारी दोनों विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक, शोध और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को नई दिशा देगी. कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने प्रो. अरुण कुमार पाधी और डॉ. शशि मिश्रा की उपस्थिति में इस एमओयू को औपचारिक रूप से जारी किया.
समझौते के अवसर पर कुलपति प्रो. दास ने कहा कि यह सहयोग शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय की पहचान को मजबूत बनाएगा. उन्होंने इसे “सीयूजे की वैश्विक शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि” बताया.
डीन (शोध एवं विकास) प्रो. अरुण कुमार पाढ़ी ने एमओयू के तहत होने वाली प्रमुख गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि दोनों विश्वविद्यालय मिलकर निम्नलिखित क्षेत्रों में कार्य करेंगे—
* संयुक्त सेमिनार, व्याख्यान, कार्यशालाएं और शोध बैठकों का आयोजन
* शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के लिए संयुक्त शोध प्लेटफॉर्म का निर्माण
* विभाग या विश्वविद्यालय के निमंत्रण पर अल्पकालिक शोध यात्राएं
* विद्यार्थियों के लिए विशेष शैक्षणिक कार्यक्रमों का विकास
* शिक्षकों और विद्यार्थियों का आदान–प्रदान
* अन्य सहमति–आधारित शोध गतिविधियां
क्यूंगसंग विश्वविद्यालय के वाइस प्रेसिडेंट प्रो. जून ह्यूब पार्क ने इस साझेदारी पर खुशी जताते हुए कहा कि भारत के आदिवासी बहुल राज्य के विश्वविद्यालय के साथ जुड़ना उनके लिए गर्व की बात है और इससे शोध के नए आयाम खुलेंगे. वहीं, अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग की डॉ. कुमकुम जायसवाल ने इसे “दोनों विश्वविद्यालयों के लिए सकारात्मक और भविष्य–उन्मुख पहल” बताया.
सीयूजे के अंतरराष्ट्रीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ. शशि मिश्रा ने कहा कि इस एमओयू से विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में और मजबूती आएगी. उन्होंने बताया कि क्यूंगसंग विश्वविद्यालय कोरिया के पुराने और प्रतिष्ठित संस्थानों में से है और यह कोरिया का चौथा विश्वविद्यालय है जिसके साथ सीयूजे ने एमओयू किया है. दो और कोरियाई विश्वविद्यालयों के साथ समझौते अंतिम चरण में हैं और जल्द ही उनके साथ भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
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