Saurav Singh
Ranchi : झारखंड पुलिस में महिलाओं की संख्या मात्र 6.2 फीसदी है. महिला पुलिस कर्मियों के नियुक्ति के मामले में झारखंड देश में 24 वें स्थान पर है. यह स्थिति तब है, जब राज्यों को 33 प्रतिशत महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति के निर्देश दिये गये हैं. झारखंड में खास तौर पर महिला बटालियन का गठन किया गया है. अगर महिला बटालियन का गठन नहीं किया गया होता तो यहां महिला पुलिस कर्मियों की संख्या और नीचे रहती. झारखंड पुलिस में महिला ऑफिसर्स की संख्या 4.3 फीसदी है. जबकि सिपाही संवर्ग में यह संख्या मात्र 6.2 फीसदी है. (पढ़ें, आपकी इन आदतों की वजह से डैमेज हो सकती है किडनी, हो जाएं सतर्क)
जाने किस राज्य महिला पुलिस की कितनी है भागीदारी :
- आंध्रप्रदेश : 21.8%
- बिहार : 21.2%
- तमिलनाडु : 19.1%
- महाराष्ट्र : 17.8%
- गुजरात : 16.3%
- हिमाचल प्रदेश : 14.0%
- उत्तराखंड : 12.08%
- उत्तरप्रदेश : 10.7%
- अरुणाचल प्रदेश : 10.7%
- गोवा : 10.6%
- ओडिशा : 10.5%
- राजस्थान : 10.4%
- पंजाब : 9.9%
- पश्चिम बंगाल : 9.9%
- सिक्किम : 9.0%
- कर्नाटक : 8.6%
- तेलंगाना : 8.5%
- हरियाणा : 8.2%
- केरला : 7.8%
- मध्यप्रदेश : 7.4%
- मिजोरम : 7.1%
- झारखंड : 6.2%
- मेघालय : 6.0%
- त्रिपुरा: 5.3%
33 फीसदी महिलाओं की होनी है नियुक्ति
महिला सशक्तिकरण के लिए किये जा रहे उपाय और प्रावधानों के बीच यह प्रयास किया जा रहा है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिसकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी की जाये. इसके लिए राज्य सरकार ने पुलिसकर्मियों की किसी भी तरह की बहाली में 33 फीसदी पद महिलाओंं के लिए रिजर्व कर दिया है. राज्य में मुख्यमंत्री और डीजीपी समय-समय पर यह बताते रहे हैं कि महिला पुलिस की संख्या 33 फीसदी तक की जाये. लेकिन वर्तमान समय में राज्य में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम है. दूसरी ओर केंद्र सरकार ने भी सीआरपीएफ और सीआईएसएफ में 33 फीसदी, बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी में 15 फीसदी महिलाओं की भर्ती की घोषणा की है. हालांकि इनके लिए आरक्षण नहीं किया गया है.
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महिलाओं के लिए उपलब्ध नहीं है आधारभूत संरचना
राज्य में खास तौर पर सिपाही से लेकर दारोगा के पद पर कार्यरत महिला पुलिसकर्मियों के लिए आधारभूत संरचना उपलब्ध नहीं है. कई जगहों पर महिलाओंं के लिए अलग बैरक, शौचालय , स्नानागार आदि नहीं है. ऐसे में अगर महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 33% हो गयी तो उन्हें कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ेगी. इसके लिए झारखंड पुलिस को अभी से तैयारी करनी होगी.
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