Ranchi: जिले के सभी प्रमुख जल स्त्रोतों के अधिकृत क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर मंगलवार को डीसी छवि रंजन ने बैठक की. बैठक में कांके, हटिया, गेतलसूद डैम, हरमू नदी, बड़ा तालाब के अधिकृत क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने, सीमांकन और सर्वे कार्य की समीक्षा की.
सीमांकन और सर्वे कार्य में तेजी लाने का निर्देश
इस मौके पर डीसी ने कांके, हटिया और गेतलसूद डैम के अधिकृत क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करने, सीमांकन और सर्वे कार्य की समीक्षा की. कार्यपालक अभियंता और तीनों डैम के अंचलाधिकारियों से अतिक्रमण किये गये क्षेत्र, अतिक्रमणकारियों की संख्या और हटाये गये अतिक्रमकारियों के बारे में जानकारी ली. कुछ अंचलों में कार्य धीमा रहने पर डीसी असंतोष जताया.
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बड़ा तालाब के पास अतिक्रमण हटाने के लिए भवन निर्माण विभाग को मशीनरी उपलब्ध कराने का निर्देश
डीसी ने इस मौके पर बड़ा तालाब के पास भी अतिक्रमण की जानकारी ली. बताया गया कि तालाब के आस-पास से कुछ अतिक्रमण हटाये गए हैं, वही कुछ बड़े भवन को हटाना है. डीसी ने इस कार्य के लिए भवन निर्माण विभाग से समन्वय स्थापित कर मशीनरी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
अतिक्रमण हटाने के लिए किया गया था टीम का गठन
आपको बता दें कि डीसी ने पहले ही हटिया, कांके और गेतलसूद डैम के लिए टीम गठित कर सीमांकन करने का निर्देश दिया था. टीम में अंचल अधिकारी, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता, कनीय अभियंता और अमीन है. उन्हें सीमांकन के बाद पिलरिंग और फेंसिंग करने का भी निर्देश दिया गया था, ताकि दोबारा अतिक्रमण न किया जा सके. बैठक में अपर समाहर्ता रांची, संबंधित अंचलाधिकारी, पीएचइडी और जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे.
प्रदेशभर के महत्वपूर्ण डैमों के कैचमेंट एरिया का सर्वे कराएगा जल संसाधन विभाग
जल संसाधन विभाग प्रदेशभर के महत्वपूर्ण डैमों के कैचमेंट एरिया का सर्वे कराएगा. सर्वे के माध्यम से जानकारी मिलेगी कि डैम के कैचमेंट एरिया की क्या स्थिति है. किस डैम के कैचमेंट एरिया में कब्जा हो रहा है. डैमों के सर्वे को लेकर जल संसाधन विभाग ने विस्तृत कार्य योजना बनाई है. जिसके तहत विभाग के इंजीनियरों की टीम डैमों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजेंगे. डैमों की जमीन पर अतिक्रण होने से कैचमेंट एरिया (जल अधिग्रहण क्षेत्र) कम होते जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ डैम तक पानी पहुंचाने वाले प्राकृतिक जलस्रोत बंद होते जा रहे हैं.
प्रदेश के तिलैया डैम, मसानजोर डैम, लाधना डैम, मैथन डैम, कांके डैम, हटिया डैम, रुक्का डैम, पतरातू डैम, कोनार डैम, गरगा डैम, तेनूघाट, रोरो डैम व पलमा डैम के कैचमेंट एरिया का सर्वे होगा. डैम की जमीन पर लगातार हो रहे कब्जा को लेकर झारखंड हाईकोर्ट सख्त हुआ. इसके बाद जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने सभी डैम के कैचमेंट एरिया का सर्वे कराने का निर्णय लिया है.