डॉक्टरों के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है
उधर, नीट-पीजी काउंसलिंग तत्काल शुरू किये जाने की मांग करते हुए डॉक्टरों के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. फेडरेशन आफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने लंबित याचिका में पक्ष बनाये जाने की गुजारिश करते हुए कहा है कि नीट-पीजी काउंसलिंग तत्काल शुरू करने की जरूरत है. एसोसिएशन का कहना है कि प्रक्रिया के अंत में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण मानदंड में संशोधन से अंतिम चयन प्रक्रिया में और देरी होगी.डाक्टरों को हर हफ्ते 80 घंटे से अधिक काम करना पड़ रहा
फेडरेशन आफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) का कहना है कि हर साल लगभग 45 हजार उम्मीदवारों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातकोत्तर) के माध्यम से स्नातकोत्तर डॉक्टरों के रूप में चुना जाता है. साल 2021 में इस प्रक्रिया को रोक दिया गया. चूंकि इस साल किसी भी जूनियर डाक्टर को शामिल नहीं किया गया है इसलिए दूसरे और तीसरे वर्ष के पीजी डाक्टर मरीजों को देख रहे हैं. ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि डाक्टरों को हर हफ्ते 80 घंटे से अधिक काम करना पड़ रहा है.33 फीसदी चिकित्सकों की कमी
FORDA का कहना है कि मौजूदा वक्त में कई डाक्टर कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. बता दें कि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम तीन वर्षों से अधिक का होता है. प्रथम वर्ष के स्नातकोत्तर डाक्टरों को शामिल करने में देरी से स्नातकोत्तर चिकित्सा कार्यबल में लगभग 33 फीसदी चिकित्सकों की कमी हुई है. संगठन ने ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी ईडब्ल्यूएस के आरक्षण के मुद्दे पर कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से गठित की गई तीन सदस्यीय समिति का सुझाव उचित है कि आरक्षण के मौजूदा कार्यक्रम में बदलाव अगले शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाना उचित होगा. इसे भी पढ़ें – नहीं">https://lagatar.in/upsc-mains-exam-will-not-be-postponed-high-court-dismisses-petition/">नहींटलेगा यूपीएससी मेन्स एग्जाम, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका [wpse_comments_template]

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