Lagatar Desk : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मंगलवार की सुबह जहरीली धुंध की मोटी परत में लिपटी रही. धुंध की वजह से विजिबिलिटी काफी कम हो गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, मंगलवार सुबह 7 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 341 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में है. इससे पहले सोमवार को सुबह 7 बजे भी एक्यूआई 351 (बेहद खराब श्रेणी) दर्ज किया गया था. यानी सोमवार सुबह की तुलना में वायु गुणवत्ता सूचकांक में कोई खास सुधार नहीं हुआ है.
Delhi shrouded in toxic smog, AQI stands at 341 in 'very poor' category
— ANI Digital (@ani_digital) November 18, 2025
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अक्षरधाम का एक्यूआई 381 पहुंचा
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर बनी हुई है. CPCB के अनुसार, धौला कुआं में AQI 365, आनंद विहार में 381, गाजीपुर इलाके में 345 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है.
सीपीसीबी के अनुसार, अक्षरधाम में भी एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में रहा, यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 381 तक पहुंच गया है. CPCB के मानकों के अनुसार, AQI 0-50 अच्छा, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बहुत खराब और 401-500 गंभीर श्रेणी में माना जाता है.
प्रदूषण रोकथाम के लिए GRAP-III लागू
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बिगड़ती हुई वायु गुणवत्ता को देखते हुए 11 नवंबर से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-III) लागू कर दिया है. इसका उद्देश्य निर्माण व औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करना है.
GRAP-III के तहत, गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर रोक, BS-III पेट्रोल व BS-IV डीजल चारपहिया वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध, कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए ऑफलाइन कक्षाए निलंबित, गैर-स्वच्छ ईंधन पर निर्भर औद्योगिक कार्यों पर प्रतिबंध और गैर-आपातकालीन डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
वायु प्रदूषण के लगातार बढ़ते संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को पराली जलाने पर रोक संबंधी प्रयासों पर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया हैय मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा है कि दोनों राज्य यह बताएं कि पराली जलाने पर रोक के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं.
दिवाली के बाद से लगातार गंभीर हालात
दिवाली के बाद से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता कई स्थानों पर बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. GRAP का तीसरा चरण वर्तमान में लागू रहते हुए भी प्रदूषण स्तर में खास सुधार नहीं देखा गया है.
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