New Delhi : दिल्ली दंगा मामले में आज गुरुवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. दंगे के आरोपी शरजील इमाम, उमर खालिद समेत छह आरोपियों द्वारा दाखिल जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने विरोध किया. पुलिस ने अपनी ओर से कोर्ट में कई सबूत पेश किये.
पुलिस ने कहा, जब बुद्धिजीवी आतंकवाद का रास्ता अपनाते हैं तो अन्य आतंकवादियों से ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. दिल्ली पुलिस ने लाल किला ब्लास्ट और व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के भंडाफोड़ का जिक्र करते हुए कहा, एक नैरेटिव बनाया जा रहा है कि ये सब बुद्धिजीवी हैं. परेशान किया जा रहा है. ऐसा नहीं है. बुद्धिजीवी कई गुना ज्यादा खतरनाक होते हैं.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि एक ट्रेंड सामने आया है जिसमें बुद्धिजीवी सरकारी फंडिंग का इस्तेमाल डॉक्टर और इंजीनियर बनने और फिर देश विरोधी कामों में शामिल होने के लिए कर रहे हैं.दिल्ली पुलिस की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट में दलील देते हुए एक वीडियो क्लिप दिखाई.
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा, दिल्ली दंगा सुनियोजित था, जब नागरिकता संशोधन बिल (सीएए) संसद में पास किया जाना था. एसवी राजू के अनुसार आरोपियों ने सीएए पर मुसलमानों का समर्थन हासिल करने के लिए सोच-समझ कर प्लान बनाया कहा कि रिजीम चेंज के उद्देश्य के साथ (दिल्ली दंगों की) योजना बनायी गयी थी.
इसीलिए समय डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा और CAA को ध्यान में रखा गया. यह संयोग नहीं था, बल्कि पूरी सोचीसमझी साजिश थी. वे दिल्ली और पूर्वोत्तर के असम का आर्थिक रूप से गला घोंटना चाहते थे. एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट में चिकन नेक का जिक्र करते हुए कहा, यह 16 किलोमीटर भूमि का हिस्सा है जो असम को भारत से जोड़ता है. इसे चिकन नेक कहा जाता है.
आरोपी चिकन नेक को काटने की बात कर रहे थे. आरोपी कश्मीर की भी बात करते हैं. वह मुसलमानों को भड़काने में लगे हुए हैं. एएसजी ने कहा, वे लोग तीन तलाक को लेकर अदालत को बदनाम करते है. वह कहते हैं कोर्ट को नानी याद करा देंगे. वह बाबरी मस्जिद की भी बात करते हैं.
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