Patna: बिहार में कोविड के प्रसार को देखते हुए पंचायत चुनाव का टलना तय हो गया है. पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले अब तक चुनाव शुरू हो जाना चाहिए था. लेकिन कोविड के बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार ने मान लिया है कि अब पंचायत चुनाव समय पर नहीं होगा. ऐसी स्थिति में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होते ही सारी शक्तियां अधिकारियों को देने की तैयारी है. लेकिन बिहार की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी इस फैसले के खिलाफ खड़ी हो गई है. भाकपा माले ने लगातार कई बार बयान जारी कर कहा है कि पंचायतों को नौकरशाही के हवाले करने का फैसला स्वीकार नहीं होगा.
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि कोविड के प्रकोप को देखते हुए पंचायत चुनाव को छह महीने तक टाल दिया जाना चाहिए. इसे नौकरशाही के हवाले कर देने की साजिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. माले नेता ने कहा कि यह लोकतंत्र विरोधी कदम होगा. बिहार में पहले भी विशेष परिस्थितियों में पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाया जा चुका है. ऐसे भी संकट काल में जनप्रतिनिधि ही आम लोगों के बीच सही तरीके से राहत अभियान चला सकते हैं. क्योंकि वे प्रत्यक्ष तौर पर जनता से जुड़े होते हैं.