Ranchi : अनुसूचित जाति समन्वय समिति के सदस्यों ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर झारखंड सरकार से मांग की है कि राज्य में अनुसूचित जाति समाज की जनसंख्या के आधार पर उचित भागीदारी सुनिश्चित की जाए. समिति के सदस्यों ने कहा कि राज्य में लगभग 50 लाख अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं, लेकिन उनकी भागीदारी सरकार में नहीं है.
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समर्थन में उतरे विभिन्न संगठन : प्रेस वार्ता में संत गुरु रविदास महासभा, पासवान कल्याण समिति, डॉ आंबेडकर चेतना मंच, वाल्मीकि महासभा, नायक महा समाज और अखिल भारतीय अंबेडकर मिशन सोसाइटी सहित कई संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे. इन संगठनों ने भी अनुसूचित जाति समाज की मांगों का समर्थन किया है. कहा है कि यदि मांगें पूरी नहीं होती हैं तो समिति आंदोलन करने पर विचार करेगी.
क्या है मांगें
- अनुसूचित जाति आयोग को पूर्ण रूप से जीवित किया जाए.
- अनुसूचित जाति परामर्शदात्रि परिषद का गठन किया जाए.
- रांची में अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण किया जाए.
- एकलव्य विद्यालय की तर्ज पर अनुसूचित जाति आवासीय विद्यालय का निर्माण किया जाए.
- जाति और आवासीय प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए.
- बैंक लोन की सुविधा प्रदान की जाए.
- हाइकोर्ट और विधानसभा में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाई जाए.