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रिम्स में धूल फांक रही हैं 1.48 करोड़ की डेंटल वैन, मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा

  • 41 लाख में मिलने वाली डेंटल वैन की 1.48 करोड़ में हुई थी खरीदारी
  • खुले आसमान के नीचे  धूल फांक रही हैं  डेंटल वैन
  • फेल हुआ डेंटल मोबाइल वैन का इंश्योरेंस और पॉल्यूशन
Ranchi: मरीजों को फ्री में जांच की सुविधा देने के लिए रिम्स डेंटल इंस्टीट्यूट के द्वारा मोबाइल डेंटल क्लीनिक सेवा की शुरुआत हुई थी. विश्व स्वास्थ दिवस पर 7 अप्रैल 2018 को इसका उद्घाटन डोरंडा स्थित अर्बन हेल्थ ट्रेनिंग सेंटर में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने किया था. मोबाइल डेंटल वैन सेवा का उद्देश्य था कि रांची जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल, कॉलेज और स्वास्थ केंद्रों तक जाकर दांत से संबंधित समस्याओं का इलाज किया जा सके. मरीजों को दवा भी दिये जाने की योजना थी. शुरुआती दिनों में महज दिखावे के लिए एक-दो बार इस वैन को ग्रामीण क्षेत्र में लगाकर डेंटल चेकअप कैंप लगाया गया. लेकिन अब ये वैन खुले आसमान के नीचे धूल फांक रही है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/10/2-3-300x225.jpg"

alt="" width="657" height="493" /> https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/10/3-3-300x225.jpg"

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alt="" width="666" height="498" /> तस्वीरें- रिम्स परिसर में पड़े-पड़े जर्जर हो रही मोबाइल डेंटल वैन, विभागीय लापरवाही के कारण मरीजों को नहीं मिल रही इसकी सुविधा

जहां दांत के इलाज की उचित व्यवस्था नहीं, वहां भेजने की थी योजना

मोबाइल डेंटल वैन में दांत और मुंह से संबंधित बीमारियों का इलाज करने की व्यवस्था है. इसमें प्राथमिक उपचार के साथ-साथ दांत की भराई, दांत की सफाई, दांत की कटाई, दांत निकालने आदि की व्यवस्था है. दवा भी मुफ्त में देने की योजना थी. इसका फोकस वैसे जगहों के लिए था जहां इलाज की उचित व्यवस्था नहीं है.

5 डॉक्टरों की टीम के साथ डेंटल मोबाइल वैन को चलाने की हुई थी तैयारी

मोबाइल डेंटल क्लीनिक एक एयर कंडिशन वैन है. इसमें दो डेंटल चेयर, एक डेंटल एक्सरे, अल्ट्रा सोनिक स्केलर, एयर रोटर, कंप्रेसर आदि की व्यवस्था है. पांच दांत के डॉक्टरों की टीम द्वारा इसमें लगी मशीनों से बेहतर इलाज करने की योजना थी. आमतौर पर टॉर्च से मुंह की बीमारियां देखी जाती हैं. लेकिन इस वैन में डेंटल चेयर की मदद से मुंह के सभी हिस्सों को देखा जा सकता है. लेकिन इस वैन का इस्तेमाल अभी नहीं किया जा रहा है.

महालेखाकार ने भी खरीद में गड़बड़ी पुष्टि की थी

रिम्स के डेंटल कॉलेज में वर्ष 2018 में डेंटल वैन, डेंटल चेयर और अन्य उपकरणों की खरीद में भारी गड़बड़ी हुई थी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी जांच में भारी गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद महालेखाकार ने भी इसकी पुष्टि कर दी थी. महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट रिम्स को भेजी थी. जांच में घोटाले की बात सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसकी विशेष ऑडिट की अनुशंसा महालेखाकार से की थी. महालेखाकार ने रिम्स प्रबंधन को नौ बिदुओं पर जानकारी देते हुए अवगत कराया था, कि किस तरह से संस्थान में डेंटल मोबाइल वैन सहित अन्य उपकरणों की खरीदारी में गड़बड़ी की गई थी. इसपर निदेशक से मंतव्य भी मांगा गया था. वैन व अन्य उपकरणों की खरीदारी में रिम्स अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप, तत्कालीन निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव, डेंटल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ पंकज गोयल और कॉलेज के डॉ प्रजापति मुख्य रूप से शामिल थे. इसे भी पढ़ें-आजादी">https://lagatar.in/amrit-mahotsav-of-azadi-jail-court-and-awareness-program-organized-in-birsa-munda-jail/">आजादी

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