- देवघर कावरिया रूट में दिख रहा आस्था परंपरा का अद्भुत संगम
- नन्हे बाल कांवरियों की आस्था ने हर किसी को किया नतमस्तक
- देवघर में कांवरियों की भीड़ में बाल श्रद्धालुओं की अद्भुत भक्ति
Deoghar : श्रावण मास के पावन अवसर पर देवघर की ओर बढ़ती कांवर यात्रा इस बार आस्था, परंपरा और भक्ति के एक अद्वितीय संगम का साक्षी बन रही है. इस पवित्र मार्ग पर जहां लाखों कांवरिये बाबा बैद्यनाथ की नगरी की ओर अग्रसर हैं, वहीं इन श्रद्धालुओं की भीड़ में नन्हे-नन्हे बाल कांवरिये सबसे ज्यादा ध्यान खींच रहे हैं.
कोई कंधे पर कांवर उठाए गमछे में बंधा हुआ आगे बढ़ रहा है, तो कोई थक कर पिता की गोद में सुस्ताता नजर आ रहा है. बावजूद इसके हर नन्हा कदम एक ही लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है और वह बाबा बैद्यनाथ का पावन दरबार है. इन मासूम श्रद्धालुओं की आस्था देखकर हर कोई भावुक हो जाता है. किसी ने मन्नत पूरी होने के बाद इस यात्रा में हिस्सा लिया है, तो कुछ को उनके माता-पिता ने बचपन से ही आस्था की इस परंपरा से जोड़ने का संकल्प लिया है.
भक्ति न उम्र देखती है, न अवस्था
कांवर यात्रा के इस पवित्र मार्ग पर बाल कांवरियों की मौजूदगी ने वातावरण को और भी भावनात्मक बना दिया है. जहां एक ओर जयकारों की गूंज है, वहीं दूसरी ओर इन मासूमों की भक्ति एक गहरा संदेश देती है कि भक्ति न उम्र देखती है, न अवस्था. बाबा नगरी में इन बाल श्रद्धालुओं की भक्ति यह सिद्ध करती है कि अगर मन में सच्ची श्रद्धा हो, तो नन्हें कदम भी परम शक्ति तक पहुंच सकते हैं.
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