Deoghar : देवघर के बैडमिंटन कोच यशराज गुप्ता ने जिला खेल प्राधिकरण व बैडमिंटन अकादमी पर मानसिक उत्पीड़न, वेतन में कटौती व वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने देवघर डीसी को आवेदन देकर मामले की जानकरी देते हुए न्याय की गुहार लगाई है. आवेदन में उन्होंने कहा कि वह पिछले चार वर्षों से देवघर के खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं, लेकिन बीते कुछ वर्षों से उनके साथ लगातार अन्याय हो रहा है. मानसिक रूप प्रताड़ित भी किया जा रहा है. पिछले फरवरी में बिना लिखित सूचना के उन्हें अकादमी में कार्य करने से मना कर दिया गया. कोच का आरोप है कि बैडमिंटन के कोषाध्यक्ष ने फोन पर अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि “हम तुम्हें नहीं रखेंगे, हटाकर अच्छा कोच लाएंगे.
कोच यशराज गुप्ता ने कहा कि उनका मासिक वेतन 15,000 से घटाकर 13,000 रुपए कर दिया गया. जबकि खिलाड़ियों की फीस 1,000 से बढ़ाकर 1,350 रुपए प्रतिमाह कर दी गई है. इसका कारण पूछने पर स्पष्ट जवाब भी नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि अकादमी में करीब 70 खिलाड़ी नियमित अभ्यास करते हैं, जिससे हर माह लगभग 94,500 रुपए की आय होती है. खर्च और वेतन देने के बाद भी 48,500 की राशि बचती है. लेकिन इसकी सही जानकारी खिलाड़ियों व कोच को नहीं दी जाती है.
कोच का आरोप है कि कोषाध्यक्ष के देवघर में अनुपस्थित रहने के कारण वेतन भुगतान में हमेशा देरी होती है. अगस्त में 2 तारीख को वेतन मिलना था, लेकिन 6 तारीख तक भुगतान नहीं हुआ. बैडमिंटन के उपाध्यक्ष ने खिलाड़ियों को निर्देश दिया है कि वे कोच के पैर न छुएं. कोच ने इसे व्यक्तिगत व सामाजिक अपमान बताया. कोच का कहना है कि वह झामुमो खेल मोर्चा के उपाध्यक्ष भी हैं. उनके साथ किया जा रहा व्यवहार न केवल व्यक्तिगत बल्कि संस्थागत असम्मान है. उन्होंने डीसी नमन प्रियेश लकड़ा पूरे मामले की जांच कराने की मांग ही है. साथ ही अकादमी की वित्तीय स्थिति का ऑडिट करा की भी मांग की है.
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