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एयर इंडिया की 50 फीसदी फंड सीज करेगी देवास मल्टीमीडिया, कनाडा कोर्ट से मिली अनुमति

LagatarDesk :  कनाडा की अदालत ने देवास मल्टीमीडिया को एयर इंडिया की 50 फीसदी फंड जब्त करने की  अनुमति दे दी है. जिसे वैश्विक एयरलाइंस निकाय (आईएटीए) के पास रखा गया था. साथ ही कोर्ट ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को राहत दी है. कनाडा की एक अदालत ने देवास मल्टीमीडिया को एएआई के जब्त किये गये फंड को मुक्त करने का आदेश दिया है.

50 फीसदी तक सीमित की जाये जब्त राशि

कनाडा की अदालत ने आदेश में कहा कि यह न्याय के हित में है कि अगले आदेश तक एयर इंडिया की जब्त राशि को वर्तमान में IATA के पास एयर इंडिया के फंड के 50 फीसदी तक सीमित कर दी जाये. बता दें कि देवास मल्टीमीडिया के शेयर होल्डर्स द्वारा अदालत में याचिका दायर की गयी थी.

देवास के लिए बहुत बड़ी जीत

याचिका पर अदालत ने सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि एयर इंडिया और एएआई  के फंड को जब्त कर लिया जाये. जो इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्टेशन एसोसिएशन के पास रखा गया है. देवास के शेयर होल्डर्स ने कहा कि वे आईएटीए में रखे गये एयर इंडिया के फंड को 50 फीसदी तक जब्त रख सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह देवास के लिए बहुत बड़ी जीत है. इसे भी पढ़े : लक्ष्मण">https://lagatar.in/laxman-tudu-murder-case-two-minors-arrested-there-was-a-fight-over-playing-dj/">लक्ष्मण

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Quebec कोर्ट ने एएआई और एयर इंडिया के एसेट्स को सीज करने का दिया था आदेश

बता दें कि इससे पहले Quebec  सुपीरियर कोर्ट ने 24 नवंबर और 21 दिसंबर को दो अलग-अलग आदेशों में कहा था कि देवास मल्टीमीडिया के शेयर होल्डर्स एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एयर इंडिया के एसेट्स को सीज कर सकते हैं. जो IATA के पास है. इसे भी पढ़े : सरकार">https://lagatar.in/governments-double-policy-schools-were-closed-due-to-corona-but-hundreds-of-children-appeared-in-the-entrance-examination-in-sainik-school/">सरकार

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AAI को विदेशी एयरलाइन से नेविगेशन चार्ज वसूलने में करता है मदद

IATA एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी AAI को विदेशी एयरलाइन से नेविगेशन चार्ज समेत कई तरह के चार्जेज वसूलने में मदद करता है. उसी तरह जब विदेशों में एयर इंडिया का टिकट खरीदा जाता है तो फंड IATA के पास जमा होता है. यह फंड आईएटीए के पास तभी जमा होगा जब यह टिकट ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम जैसे Amadeus और ट्रैवलपोर्ट की मदद से बुक की गयी हो. इसे भी पढ़े : रामगढ़">https://lagatar.in/ramgarh-body-of-head-found-in-closed-mine-of-ccl-police-engaged-in-investigation/">रामगढ़

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2005 में हुई थी देवास और एंट्रिक्स की डील

देवास और एंट्रिक्स डील के बीच जनवरी 2005 में डील हुई थी. उस डील के मुताबिक, Antrix  दो सैटेलाइट का निर्माण करती और उसे लॉन्च किया जाता. फिर देवास मल्टीमीडिया को 70 MHz का स्पेक्ट्रम उपलब्ध करवाया जाता. इस डील के जरिये पूरे भारत में हाइब्रिड उपग्रह और स्थलीय संचार सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयोग करने की योजना थी. इसे भी पढ़े : लेवी">https://lagatar.in/dinesh-gops-aides-brother-arrested-with-61-lakhs-of-levy-ranchi-police-investigating-international-connections/">लेवी

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2011 में कैंसिल हुई थी डील

2011 में एंट्रिक्स ने देवास के साथ इस डील को कैंसिल करने का फैसला किया. जिसके बाद देवास ने इसकी शिकायत इंटरनैशनल प्लैटफॉर्म पर की. 2015 में आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने इसरो से कहा कि वह देवास मल्टीमीडिया को 672 मिलियन डॉलर का भुगतान करे. इसके बाद 27 अक्टूबर 2020 को अमेरिकी कोर्ट ने आदेश दिया कि एंट्रिक्स देवास को 562.5 मिलियन डॉलर का हर्जाना भरे. इसे भी पढ़े : सरायकेला">https://lagatar.in/seraikela-youth-committed-suicide-by-hanging-was-addicted-to-drugs/">सरायकेला

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