Dhanbad : कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, जिसे आंवला नवमी (अक्षय नवमी) के रूप में मनाया जाता है, इस पावन अवसर पर धनबाद में श्रद्धालुओं की भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला
तिथि अनुसार गुरुवार सुबह से ही बैंक मोड़ स्थित राम कृष्ण मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. पारंपरिक परिधान में आए महिला और पुरुष भक्तों ने आंवला वृक्ष की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की
अक्षय नवमी का महत्व
पूजा-अर्चना में शामिल श्रद्धालु समंती शर्मा ने बताया कि सनातन परंपरा में आंवला नवमी का अत्यंत धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि इस शुभ तिथि पर आंवला वृक्ष के नीचे स्वयं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है.
जो भी भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ आंवला वृक्ष की पूजा करते हैं वे भगवान विष्णु की शरण में जाते हैं और उन्हें अविनाशी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.उन्होंने कहा कि इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है तथा उसे दीर्घायु, पारिवारिक सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
कथा श्रवण, परिक्रमा और गुप्त दान की परंपरा
पूजा के उपरांत मंदिर में भगवान विष्णु की कथा का श्रवण किया गया जिसमें पौराणिक प्रसंगों के माध्यम से आंवला नवमी के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को बताया गया. भक्तों ने श्रद्धा भाव से आंवला वृक्ष की सात बार परिक्रमा की, दीप प्रज्वलित किए और परिवार के कल्याण व मंगल की कामना की.
इसके बाद श्रद्धालुओं ने पंडितों को चावल, दक्षिणा, वस्त्र और अन्य वस्तुएं गुप्त रूप से दान कीं.मान्यता है कि अक्षय नवमी के दिन किया गया दान कई गुना फल देता है और जीवन में सौभाग्य तथा समृद्धि के द्वार खोलता है.पूरे दिन मंदिर परिसर में हरि नाम संकीर्तन और भक्ति गीतों की गूंज बनी रही.
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