Dhanbad : 9 जुलाई को प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल से भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने खुद को अलग कर लिया है. संगठन ने हड़ताल को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए इसमें भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है. यह जानकारी BMS के केंद्रीय उपाध्यक्ष व कोयला प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी ने मंगलवार को धनबाद के हीरापुर स्थित विश्वकर्मा भवन में प्रेसवार्ता में दी. उन्होंने कहा कि हड़ताल का कोई ठोस औचित्य नहीं है और यह पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है.
उन्होंने साफ किया कि BMS का कोई भी सदस्य हड़ताल में शामिल नहीं होगा. केंद्र सरकार के प्रस्तावित चार श्रम कोड में से दो कोड को BMS सही मानता है और उनका समर्थन करता है. बाकी दो कोड को लेकर सरकार से संवाद जारी है. ऐसे में वार्ता को छोड़कर हड़ताल करना सही नहीं है. उन्होंने अन्य ट्रेड यूनियनों पर मजदूरों को भ्रमित करने का आरोप लगाया. BMS ने मजदूरों के मुद्दों को लेकर एक बड़े अभियान की घोषणा की. यह अभियान 23 जुलाई से 17 सितंबर तक चलेगा.इसका उद्देश्य कोल इंडिया को बचाना और श्रमिकों का शोषण रोकना है. लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि पहले कोल इंडिया में स्थायी मजदूरों की संख्या लगभग 6 लाख थी, जो अब घटकर 2 लाख से भी कम रह गई है. उन्होंने सरकार से श्रमिक हितों की रक्षा की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की.