Dhanbad: धनबाद (Dhanbad) बैंक कर्मियों के यूनियनों ने सरकार की निजीकरण, बैंकों के विलय सहित श्रमिक विरोधी नीतियों पर चिंता जताते हुए संघर्ष का आह्वान किया है. शनिवार 25 जून को कोयला नगर के सामुदायिक सभागार में यूनिययन नेताओं और सदस्यों की आम सभा में वक्ताओं ने सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना की. सभा में बैंक आफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन, झारखंड के आहवान पर फेडरेशन बैंक आफ इंडिया स्टाफ यूनियन व बैंक आफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन के प्रतिनिधि मौजूद थे. सभा की अध्यक्षता तारक बनर्जी ने की व संचालन केदार सिंह ने किया. झारखंड राज्य के उप महासचिव उमेश दास, संगठन मंत्री सिद्धेश नारायण दास, कोषाध्यक्ष प्रदीप झा एवं अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे.
श्रमिक विरोधी नीतियों पर जम कर प्रहार
मुख्य वक्ता बैंक आफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन के महासचिव दिनेश झा ने बैंकों की वर्तमान स्थिति का खुलासा करते हुए निजीकरण, मर्जर सहित सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय समझौता के तहत लम्बित मांगों पर सरकार चुप्पी साधे हुए है. बैंक कर्मियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है, जबकि सरकार ने नयी बहाली पर रोक लगा रखी है. उन्होंने सेवा शर्त, बैंकों के एनपीए का ग़लत ढंग से समायोजन, बैंकों को निजी हाथों में बेचने की तैयारी, बैंकों पर अनायास आर्थिक बोझ से नुक़सान आदि पर भी विस्तृत चर्चा की और संघर्ष के लिए तैयार रहने को कहा.
संगठन से जुड़े रहने की अपील
उप महासचिव उमेश दास ने बैंक आफ इंडिया इम्प्लाइज यूनियन, झारखंड के कार्यकलापों पर प्रकाश डाला. संगठन मंत्री सिद्धेश नारायण दास ने अपने ओजस्वी भाषण में संगठनात्मक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने सदस्यों को संगठन से जुड़ कर सक्रिय रहने के लिए भी उत्साहित किया. वही कोषाध्यक्ष प्रदीप झा ने युवा व महिला साथियों को संगठन के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया.
यह भी पढ़ें: धनबाद: 47 वर्ष पूर्व आपातकाल की घोषणा देश के लिए काला अध्याय: यदुनाथ पांडेय