Sindri : सिंदरी (Sindri) अब तक सामान्य से 29% कम बारिश होने और कमजोर मानसून की शुरुआत से फसलों की पैदावार को लेकर काफी किसान चिंतित और परेशान हैं. परंतु बलियापुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ ललित कुमार दास कहते हैं कि किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. भविष्य में अच्छी बारिश होने वाली है. किसानों को सूझबूझ से काम लेना चाहिए.
मौसम विभाग के अनुसार होगी अच्छी बारिश
लगातार संवाददाता से खास बातचीत में केवीके के वरीय वैज्ञानिक डॉ दास ने बताया कि भले ही शुरुआती दौर में मानसून की गति धीमी है, मगर फसल की पैदावार में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. किसानों को हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं. पैदावार अच्छी होगी. किसानों को थोड़ी सूझबूझ से काम लेना होगा. वैसे भी मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार आगे अच्छी बारिश होने वाली है.
बिचड़ा को बचाने के लिए सुबह-शाम करें सिंचाई
उन्होंने कहा कि धनबाद जिले में बलियापुर कृषि बहुल क्षेत्र माना जाता है. यहां के किसान विशेष तौर पर धान की खेती करते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार यहां के किसान 65 से 75% बिचड़ा डाल चुके हैं. कम बारिश होने पर भी उस बिचड़े को बचा सकते हैं. बिचड़े बहुत ही छोटे एरिया में लगाए जाते हैं. इसे बचाने के लिए किसान सुबह और शाम एक या दो बाल्टी पानी से सिंचाई करें. हल्की बारिश भी हो रही है.
चूना या डोलोमाइट का करें प्रयोग
उन्होंने बताया कि किसान मक्का, सोयाबीन, दलहन में कुर्थी, मूंग, उड़द, अरहर, तेलहन में तिल और मूंगफली की खेती करते हैं. इनकी पैदावार और बेहतर हो सके, इसके लिए बुआई कर लें. ध्यान रखें कि आने वाले समय में अगर ज्यादा बारिश होती है तो बरसात के पानी से वह दब ना जाए. पानी निकासी की व्यवस्था अवश्य करें. जिस भूमि पर किसान बुआई करने वाले हैं, वहां अम्लीय मिट्टी है तो उसे दूर करने के लिए प्रति एकड़ डेढ़ से 2 क्विंटल चूना या डोलोमाइट का प्रयोग जरूर करें.
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