Dhanbad : आईआईटी-आईएसएम, धनबाद के यांत्रिक अभियंत्रण विभाग की ओर से थर्मोफ्लूइड इंजीनियरिंग पर तीन दिवसीय प्रथम अंतरराष्ट्रीय सेमिनार (INCOTHERM 2025) शुक्रवार को शुरू हुआ. गोल्डन जुबली लेक्चर थिएटर में आयोजित यह सेमिनार संस्थान के शताब्दी वर्ष समारोह का हिस्सा है. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS) के यांत्रिक अभियंत्रण विभाग के एचओडी प्रो. पीएस ली शरीक हुए. उन्होंने सस्टेनेबल कूलिंग, ऊर्जा दक्षता और वेस्ट हीट रिकवरी के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला. कहा कि उष्णकटिबंधीय जलवायु में डाटा सेंटर्स जैसी प्रणालियों में ताप प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है. उनकी टीम ओह्मिक हीटर तकनीक का उपयोग कर तापीय नियंत्रण और मापन को सटीक बनाने पर कार्य कर रही है.
विशिष्ट अतिथि आईआईटी मद्रास के प्रो. सरित कुमार दास ने कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. जरूरत केवल सही दिशा और अवसर की है. ऐसे सम्मेलन देश के शैक्षणिक और शोध वातावरण को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आईआईटी-आईएसएम धनबाद के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने भारत की प्राचीन वैज्ञानिक परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्ञान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का समन्वय ही देश की आर्थिक प्रगति का आधार है.
आयोजन समिति के अध्यक्ष यांत्रिक अभियंत्रण विभाग के प्रमुख प्रो. सुमनथ चट्टोपाध्याय ने अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों की तरह आईआईटी-आईएसएम धनबाद भी ज्ञान और नवाचार की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. स्वागत भाषण प्रो. पवन कुमार सिंह ने दिया, जबकि प्रो. दीपक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
इस तीन दिवसीय सेमिनार में देश-विदेश के कई विशेषज्ञ शिरकत कर रहे हैं. इनमें प्रो. बीबी साहा (क्यूशू यूनिवर्सिटी, जापान), प्रो. एम रामगोपाल (आईआईटी, खड़गपुर), प्रो. ए अग्रवाल (आईआईटी, बॉम्बे) और प्रो. एस अंसुमाली (जेएनसीएएसआर, बेंगलुरु) प्रमुख हैं. सम्मेलन का उद्देश्य थर्मोफ्लूइड इंजीनियरिंग क्षेत्र में नवीनतम शोध, तकनीकी नवाचार और अंतरराष्ट्रीय अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देना है.
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