एसएसवीएम टुंडी में 36वें प्रांतीय खेलकूद का भव्य समापन
Dhanbad : धनबाद जिले के टुंडी स्थित स्वरूप सरस्वती विद्या मंदिर में विद्या विकास समिति की ओर से आयोजित तीन दिवसीय 36वें प्रांतीय खेलकूद का शनिवार को भव्य समापन हुआ. समापन समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए.उन्होंने विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया. राज्यपाल ने बच्चों को मोबाइल फोन से दूरी बनाने और खेलकूद के प्रति रुचि बढ़ाने की सलाह दी.
उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए बच्चों को खेल भावना, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ प्रतिस्पर्धा करते देखकर सुखद अनुभूति हुई. ऐसे आयोजन बच्चों के शारीरिक, मानसिक और नैतिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं. उन्होंने कहा कि खेल केवल पदक या पुरस्कार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनुशासन, टीम भावना, नेतृत्व क्षमता, समय प्रबंधन और हार-जीत को सहजता से स्वीकार करने की सीख देता है जो जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगी सिद्ध होती है. उन्होंने विद्या भारती द्वारा ग्रामीण एवं वनवासी क्षेत्रों में शिक्षा और खेल के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए की.
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों को नई दिशा और ऊर्जा मिली है. खेलो इंडिया जैसी योजनाओं और हाल ही में घोषित राष्ट्रीय खेल नीति 2025 के माध्यम से गांव-कस्बों और दूरदराज क्षेत्रों की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे लाने का प्रयास किया जा रहा है. झारखंड की खेल प्रतिभाओं का उल्लेख करते हुए इन्होंने महेंद्र सिंह धौनी, दीपिका कुमारी, पूर्णिमा महतो और सलीमा टेटे का नाम लिया. कहा कि इन खिलाड़ियों ने यह साबित किया है कि प्रतिभा किसी बड़े शहर की मोहताज नहीं होती. उचित अवसर और कड़ी मेहनत से छोटे गांव और कस्बों से निकलकर भी वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है.
उन्होंने कहा कि झारखंड की मिट्टी में संघर्ष, परिश्रम और समर्पण की भावना रची-बसी है. राज्य में खेल के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. विद्यालय स्तर से ही बच्चों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में बच्चों में मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग चिंता का विषय है. बच्चों को मोबाइल से दूर रखना केवल विद्यालय ही नहीं, बल्कि परिवारजनों की भी जिम्मेदारी है. अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को खेल, व्यायाम और रचनात्मक गतिविधियों की ओर प्रेरित करें, ताकि वे स्वस्थ, सशक्त और आत्मविश्वासी नागरिक बनें. इससे पूर्व सांसकृतिक कार्यक्रम में विद्यालय की छात्राओं ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया.
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