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धनबाद : तेलमोचो के कुंजी आदिवासी टोला में मनाया गया सोहराय पर्व

Mahuda :  आदिवासियों का महापर्व सोहराय धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर सभी लोग मांदर की थाप पर जमकर नाचत-गाते रहे.  शनिवार 8 जनवरी को आदिवासी समाज के लोगों ने नृत्य-गीत गाते हुए टोला का भ्रमण किया. टोला के मांझी हड़ाम (अध्यक्ष) दुर्जन सोरेन ने कहा कि आदिवासियों के सप्ताह व्यापी इस सगुन सोहराय में भाई-बहन के रिश्ते को बहुत महत्व दिया जाता है और पशुओं के साथ उनके वासस्थल गोहाल की पूजा की जाती है. जनवरी माह में मनाये जाने वाले इस पर्व में विशेष धार्मिक व पारंपरिक अनुष्ठान किया जाता है. महापर्व का संबंध सृष्टि से जुड़ा हुआ है. शांत चित्त स्वभाव के लिए जाना जाने वाला आदिवासी समुदाय मूलतः प्रकृति पूजक है. विशेष परिस्थिति में गाय, बैल को स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक भेजने के उत्साह स्वरूप इस महापर्व को आदिवासी समाज सोहराय गीत-नृत्य के साथ मनाता है. ग्राम के जोग मांझी ( सचिव ) मदन सोरेन ने कहा कि पूरी दुनिया जहां पर्यावरण, पशु धन संकट से जूझ रही है, उसका एक ही समाधान है-सोहराय पर्व. यह पर्व हमें जनजाति संस्कृति और चिंतन के लिए बाध्य करता है तथा पेड़-पौधे से जीव-जंतु तक की चिंता करता है. यह भी पढ़ें : गिरिडीह">https://lagatar.in/giridih-injured-laborer-died-during-work-in-rice-mill/">गिरिडीह

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