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धनबादः IIT-ISM में मना अंतरिक्ष दिवस, इसरो के वैज्ञानिकों ने साझा किए अनुभव

Dhanbad : आईआईटी‑आईएसएम, धनबाद में बुधवार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया गया. यह आयोजन आईआईटी-आईएसएम व इसरो के रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ईस्ट (कोलकाता) ने संयुक्त रूप के तिया था. इसमें चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग को याद किया गया. कार्यक्रम में धनबाद के आठ स्कूलों के कक्षा 9वीं से ऊपर के करीब 350 छात्र‑छात्राओं ने भाग लिया.

 इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने छात्रों के साथ संवाद कर उन्हें चंद्रयान‑3 मिशन के तकनीकी पक्षों, लैंडिंग सिस्टम, नेविगेशन तकनीक व भारत की आगामी अंतरिक्ष योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी. इस अवसर पर अंतरिक्ष प्रदर्शनी, क्विज, तकनीकी व्याख्यान जैसे कई रोचक सत्र आयोजित किए गए. छात्रों ने इसरो की कार्यप्रणाली को नजदीक से समझा और वैज्ञानिकों से प्रत्यक्ष संवाद कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया.

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मुख्य अतिथि आईआईटी-आईएसएम के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि इंजीनियरिंग व तकनीक के माध्यम से ही देश का विकास संभव है. उन्होंने छात्रों से जिज्ञासु बने रहने और सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रहने की अपील की. आरआरएससी-ईस्ट के साइंटिस्ट व डिप्टी जनरल मैनेजर डॉ. एओ वर्गीज ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की अवधारणा पर प्रकाश डाला, कहा कि इसरो का कार्यक्षेत्र केवल अंतरिक्ष अनुसंधान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा, आपदा प्रबंधन व समाज कल्याण से भी सीधे जुड़ा है.

प्रो. संजीत कुमार पाल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करते हैं. फिजिक्स की शिक्षिका सुभाश्री बनर्जी ने इसे छात्रों के लिए दुर्लभ अवसर बताया. कहा कि बच्चों ने अंतरिक्ष विज्ञान की बारीकियों को समझा और वैज्ञानिकों से बातचीत कर बड़े सपने देखने की प्रेरणा ली. प्रो. संजीत कुमार पाल ने स्वागत भाषण में रिमोट सेंसिंग व स्पेस टेक्नोलॉजी की उपयोगिता पर प्रकाश डाला.

आरआरएससी-ईस्ट के ग्रुप हेड डॉ. अरिंदम गुहा ने पृथ्वी जैसे ग्रहों के लिए इसरो के मिशन पर विस्तृत प्रजेंटेशन दिया. इसरो के डिप्टी डायरेक्टर (ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर) राजेन्द्र सिंह पी. ब्याली ने भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की जानकारी साझा की. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निप्तिका जाना ने किया.

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