मोनेट वाशरी प्रबंधन की बादाखिलाफी से तंग आकर रैयत जादू महतो ने किया था आत्मदाह
Dhanbad : झरिया के पाथरडीह स्थित मिवान स्टील (मोनेट) वाशरी प्रबंधन की बादाखिलाफी से तंग आकर रैयत शिव शंकर उर्फ जादू महतो ने वाशरी परिसर में आत्मदाह कर जान दे थी. बड़कागांव की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद जादू महतो के परिजनों से मिलने गुरुवार को उनके घर पहुंचीं. अंबा प्रसाद ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि हम जादू महतो की जमीन पर खड़े होकर संकल्प लेते हैं कि झारखंड में अब दूसरा जादू महतो नहीं बनने देंगे. अव्यवस्था और अन्याय के खिलाफ जंग छेड़ी जाएगी. हर पीड़ित परिवार के साथ खड़े रहूंगी.
उन्होंने इस मामले में दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की. कहा कि इस मुद्दे पर वह झारखंड के डीजीपी व धनबाद के एसएसपी से बात करेंगी. ज्ञात हो कि जादू महतो की मौत के बाद परिजनों व ग्रामीणों ने वाशरी गेट पर शव रखकर लगातार तीन दिनों तक प्रदर्शन किया. बुधवार को डुमरी विधायक जयराम महतो के हस्तक्षेप और बीसीसीएल प्रबंधन से घंटों हुई बातचीत के बाद नियोजन पर सहमति बनी. इसके बाद गुरुवार को शव उठा लिया गया.
ज्ञात हो कि वर्ष 2012 में धनबाद के तत्कालीन डीसी व टुंडी विधायक मथुरा महतो की मौजूदगी में जादू महतो और मोनेट वाशरी प्रबंधन के बीच 5 एकड़ 71 डिसमिल जमीन का एग्रीमेंट हुआ था. लेकिन प्रबंधन ने 13 वर्षों बाद भी समझौते की शर्तें पूरी नहीं की. इससे परेशान होकर 28 अगस्त को जादू महतो ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह कर लिया. गंभीर हालत में उन्हें बोकारो के बीजीएच में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. मरने से पहले जारी वीडियो में जादू महतो ने अपनी मौत का जिम्मेदार मोनेट वाशरी के एचआर संजय कुमार, बीसीसीएल के पीओ विपिन कुमार और स्थानीय नेता सबुर गोराई को ठहराया था.
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